बजट में कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख 87 हजार करोड़ रुपए, कृषि को भारत की विकास यात्रा के लिए प्रमुख इंजन बताया
100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा
केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रमुख इंजन करार देते हुए इसके लिए तकरीबन एक लाख 87 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है
नई दिल्ली। केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रमुख इंजन करार देते हुए इसके लिए तकरीबन एक लाख 87 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया जिसमें कृषि को भारत की विकास यात्रा के लिए प्रमुख इंजन बताया गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बजट को ग्रामीण भारत की गरीबी दूर करने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में विकास की ललक, विश्वास की महक और विकसित भारत के निर्माण की तड़प है। उन्होंने कहा कि ये दूरदर्शी बजट है जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। इसमें कृषि विकास पर सर्वाधिक जोर दिया गया है। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना के सरकार के निर्णय की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए एक बोर्ड स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित कार्यकलापों में लगे लोगों को एफपीओ में संगठित किया जाएगा। यह बोर्ड मखाना किसानों को पथ-प्रदर्शन और प्रशिक्षण सहायता उपलब्ध कराएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य करेगा कि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं के लाभ मिले।
सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन का कार्यान्वयन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान परिवेश को बढ़ावा देना, उच्च पैदावार, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूलन के गुणों से संपन्न बीजों का लक्षित विकास और प्रचार करना तथा जुलाई 2024 से जारी किए गए बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।
उन्होंने कहा कि भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को अनुवांशिक अनुसंधान के लिए संरक्षण सहायता प्रदान करेगी। कपास उत्पादकता अभियान की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि इस पंच-वर्षीय मिशन से कपास कृषि की उत्पादकता में पर्याप्त सुधार लाने में मदद मिलेगी और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सर्वोत्तम सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। वस्त्र क्षेत्र के लिए हमारे पांच-एफ के समेकित विज़न के अनुरूप, इससे किसानों की आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी और भारत के परंपरागत वस्त्र क्षेत्र में नई जान फूंकने के लिए गुणवत्तापूर्ण कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि करीब 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए लघु अवधि ऋणों की सुविधा उपलब्ध कराने में किसान क्रेडिट कार्ड की महत्ता का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की। सीतारमण ने असम के नामरूप में 12.7 लाख टन की वार्षिक क्षमता के साथ एक उर्वरक संयंत्र की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन को पुनः प्रारंभ करने से यूरिया की आपूर्ति को और अधिक बढ़ाने के साथ-साथ उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि समुद्री खाद्य निर्यात के मामले में 60 हजार करोड़ रुपये मूल्य के मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में विश्व में भारत के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि समुद्री क्षेत्र की अप्रयुक्त संभावनाओं के द्वार खोलने के लिए सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से सतत मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क लाएगी।
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