आईआईटी खड़गपुर में चार विद्यार्थियों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई गंभीर चिंता, कहा- क्या गड़बड़ है, छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?
किया सवाल: क्या संस्थानों ने इस गंभीर मुद्दे पर विचार किया है?
उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में खड़गपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में गत जनवरी से चार विद्यार्थियों की कथित आत्महत्या के मामले में सोमवार को गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सवाल किया
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में खड़गपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में गत जनवरी से चार विद्यार्थियों की कथित आत्महत्या के मामले में सोमवार को गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सवाल किया, ‘क्या गड़बड़ है, छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?’ इस साल जनवरी से आईआईटी खड़गपुर परिसर में यह चौथा ऐसा मामला था। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने आईआईटी खड़गपुर और शारदा विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की आत्महत्या से संबंधित स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए ये उन संस्थानों से पूछा कि क्या उन्होंने इस गंभीर मुद्दे पर विचार किया है?
आईआईटी ने कहा: समिति और परामर्श केंद्र बनाया
आईआईटी खड़गपुर की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में 10 सदस्यीय समिति और एक परामर्श केंद्र का गठन गया है। इस तरह से वह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे छात्रों की पहचान कर रहे हैं। एक फोन नंबर दिया गया है जिस पर कभी भी कॉल कर मदद ली जा सकती है। पीठ के समक्ष आईआईटी खड़गपुर और शारदा विश्वविद्यालय के वकीलों ने बताया कि दोनों घटनाओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
पीठ ने कहा सही दिशा में जारी रहे
आईआईटी खड़गपुर की घटना के संबंध में पीठ ने कहा कि हमें बताया गया कि आत्महत्या की सूचना मिलने के 30 मिनट के भीतर ही संस्थान प्रबंधन ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा दी थी। इस संबंध में जांच भी जारी है। जांच सही दिशा में जारी रहे। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।

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