जीरे की कीमतों में भारी उछाल, 50 हजार तक पहुंची कीमत
9 हजार रुपए प्रति क्विंटल की उछाल दर्ज
जीरे की कीमतों में इजाफा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। देश की सबसे बड़ी जीरा मंडी ऊंझा में जीरा 45 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है।
जयपुर। पहली बार जीरे का भाव 50 हजार रुपए का प्रति क्विंटल पहुंच गया है। नागौर की मेड़ता मंडी में जीरा 50 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिका। मंडी में जीरे ने पहली बार 9 हजार रुपए प्रति क्विंटल की उछाल दर्ज की। बेमौसम बारिश की वजह से बहुत सी फसलें प्रभावित हुई हैं। जिसका असर जीरे पर भी देखने को मिल रहा है। जीरे की कीमतों में इजाफा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। देश की सबसे बड़ी जीरा मंडी ऊंझा में जीरा 45 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है।
जीरे के उत्पादन में कमी के साथ साथ बाजार में इसकी मांग भी बढ़ी है। वैश्विक बाजार में बढ़ रही इसकी मांग के कारण भी इसकी कीमत में तेजी देखी जा रही है। भारत विश्व में जीरा उत्पादन में पहले नंबर पर है, जिसके कारण इसलिए भारत में होने वाले उत्पादन का असर पूरे विश्व में देखा जा रहा है। गुजरात और राजस्थान जीरे के सबसे बड़े उत्पादक है, और यहां की कीमतों में ही भारी उछाल देखने को मिल रहा है। गुजरात के ऊंझा मंडी में जीरे की न्यूनतम कीमत 35 हजार रुपए प्रति क्विंटल देखी गई।
व्यापारियों के अनुसार पिछले 2018 तक जीरे का भाव 12-13 हजार रुपए प्रति क्विंटल ही देखने को मिलता था, लेकिन पिछले 3- 4 सालों में इसकी कीमतों में शानदार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। पिछले साल जीरे की अधिकत्तम कीमत 37 हजार प्रति क्विंटल थी। वहीं इस साल इसकी कीमत 50 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गई है।
उनका मानना है कि पहले किसानों को उनके जीरे की कीमत नहीं मिलती थी, जबकि उपभोक्ता इसे महगें दामों पर ही खरीदता था। अब किसानों को सही कीमत मिलनी भी शुरु हुई है। बड़ी कंपनियां कई हजार टन जीरे की सीधी खरीद किसानों से कर रही है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। वहीं कीमत बढ़ने का कारण जीरे की बुआई में कमी आना और ओलावृष्टि से फसलों का नष्ट होना भी है।
व्यापारियों के का कहना है कि अभी कुछ समय तक जीरे की कीमत 40 से 45 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक स्थिर रहेगी। इस साल जीरे की बेंचमार्क कीमत को भी 32 हजार के आसपास तक रहने की रहने की संभावना है, जबकि पिछले साल बेंचमार्क कीमत 25 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक रही थी। पिछले साल कुल 3.88 लाख टन जीरा उत्पादन देश में हुआ था। जीरे की गुणवत्ता में भी पहले से सुधार देखने को मिल रहा है, जिसके कारण न सिर्फ कंपनिया सीधे खरीद कर रही हैं बल्कि विदेशों में भी बड़े पैमाने पर इसकी मांग बढ़ रही है।

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