कृषि उत्पाद बाजरे के लिए भारत के मानकों को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता, भारत के नेतृत्व में हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई

निगरानी संकेतक परिणाम-आधारित, मापनीय और विचारणीय होने चाहिए

कृषि उत्पाद बाजरे के लिए भारत के मानकों को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता, भारत के नेतृत्व में हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई

खाद्यान्न श्रेणी में साबुत बाजरे के लिए समूह-मानक विकसित करने में भारत के नेतृत्व की सराहना की गई।

नई दिल्ली। रोम में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगन (एफएओ) मुख्यालय पर इस सप्ताह हुई एक महत्वपूर्ण तकनीकी बैठक में खाद्यान्न श्रेणी में साबुत बाजरे के लिए समूह-मानक विकसित करने में भारत के नेतृत्व की सराहना की गई। भारत जल्दी ही ताजी हल्दी और ताजी ब्रोकली के मानकों के निर्धारण के लिए भी देशों के समूह के साथ काम करेगा।  

कृषि मंत्रालय के मुताबिक खाद्य पोषण पर समूह-मानक तय करने वाली बहुपक्षी संस्था- कोडेक्स एलिमेंटेरियस (पोषण-तत्व) आयोग की कार्यकारी समिति (सीसीईएक्सईसी) की इटली के रोम में हुई 88वीं बैठक के दौरान बाजरे के मानक पर भारत के नेतृत्व में हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई। इस समिति की अध्यक्षता भारत कर रहा है। माली, नाइजीरिया और सेनेगल इसमें सह-अध्यक्ष हैं। इससे पहले अप्रैल 2025 में आयोजित अनाज, दलहन और फलियों पर कोडेक्स समिति के 11वें सत्र (सीसीसीपीएल) में इस विषय पर विचार की कसौटियां तय की गयी थीं। भारत, कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग की कार्यकारी समिति का चुनाव हुआ सदस्य है। समिति की बैठक का उद्घाटन एफएओ के उप महानिदेशक और संगठन के कैबिनेट निदेशक गॉडफ्रे मैग्वेन्ज़ी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य संवर्धन एवं रोग निवारण एवं नियंत्रण के सहायक महानिदेशक डॉ. जेरेमी फरार ने किया।

कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग के अध्यक्ष डॉ. एलन अज़ेगेले, आयोग की सचिव सारा काहिल और सदस्य देशों के अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि बैठक में शामिल थे।  बैठक में ताजा खजूर के नए मानकों पर भारत की अध्यक्षता में किए गए कार्यों की आलोचनात्मक समीक्षा की गई। इन मानकों की इसी वर्ष फरवरी में आयोजित ताजे फलों और सब्जियों पर कोडेक्स समिति के 23वें सत्र में अनुशंसा की गयी थी।

कार्यकारी समिति ने इन मानकों को अंतिम रूप देने में सीसीएफएफवी और भारत के प्रयासों की सराहना की और नवंबर 2025 में होने वाले कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग (सीएसी48) के 48वें सत्र में आगे की मंजूरी के लिए इनका समर्थन किया। भारत ताज़ी हल्दी और ताज़ी ब्रोकली के लिए मानक विकसित करने हेतु नए कार्य प्रस्तावों में सह-अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करेगा। भारत ने कोडेक्स रणनीतिक योजना 2026-2031 के निगरानी ढाँचे पर चर्चा में भाग लिया, जहाँ स्मार्ट प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) को सीएसी48 में अनुमोदन के लिए अंतिम रूप दिया गया। भारत ने सिफारिश की कि निगरानी संकेतक परिणाम-आधारित, मापनीय और विचारणीय होने चाहिए। भारत ने भूटान, नेपाल, बंगलादेश, श्रीलंका, तिमोर-लेस्ते आदि जैसे पड़ोसी देशों के लिए अपने क्षमता निर्माण कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी, जिसे एफएओ द्वारा मान्यता दी गई है। 

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