खिलाड़ियों के लिए खुश खबरी : 140 प्रशिक्षकों की होगी भर्ती, वित्त विभाग से मिली मंजूरी, खेल निदेशालय में मिलेगी नियुक्ति
2012 के बाद कोई भर्ती नहीं, 187 पद रिक्त
प्रशिक्षकों की भारी कमी से जूझ रही राजस्थान खेल परिषद के लिए अब राहत की खबर है।
जयपुर। प्रशिक्षकों की भारी कमी से जूझ रही राजस्थान खेल परिषद के लिए अब राहत की खबर है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने प्रशिक्षक ग्रेड-3 के 140 पदों पर भर्ती की स्वीकृति जारी कर दी है। प्रशिक्षकों की नई भर्ती अब राजस्थान खेल परिषद में नहीं बल्कि खेल निदेशालय में होगी। राज्य सरकार ने अपने बजट में एक अलग खेल निदेशालय गठित करने की घोषणा की थी, जिसका प्रारूप फिलहाल तैयार किया जा रहा है। नई भर्ती राजस्थान खेल परिषद द्वारा की जाएगी, या इस प्रक्रिया को कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम पूरा किया जाएगा, इसका फैसला भी अभी किया जाना है।
पूर्व अधिकारी माथुर को नियम निर्माण का दायित्व :
खेल निदेशालय के नियम और ढांचा तैयार करने की जिम्मेदारी सचिवालय सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी केसीडी माथुर को सौंपी गई है। माथुर वर्ष 1993 में राजस्थान खेल परिषद के सचिव भी रह चुके हैं और लॉ डिपार्टमेंट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें नियम निर्माण का अच्छा अनुभव रहा है।
2012 के बाद कोई भर्ती नहीं, 187 पद रिक्त :
राजस्थान खेल परिषद में प्रशिक्षकों की अंतिम भर्ती वर्ष 2012 में, उस समय के अध्यक्ष शिवचरण माली के कार्यकाल में हुई थी। इसके बाद लगातार रिटायरमेंट तो होते रहे, लेकिन कोई नई नियुक्ति नहीं हुई। वर्तमान में परिषद में प्रशिक्षक ग्रेड-1 के 21, ग्रेड-2 के 26 और ग्रेड-3 के 140, कुल 187 पद रिक्त हैं। फिलहाल परिषद में केवल 61 प्रशिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें ग्रेड-1 के 4, ग्रेड-2 के 11 और ग्रेड-3 के 46 कोच शामिल हैं।
दो बार राजनीतिक फेरबदल में अटकी भर्ती प्रक्रिया :
प्रशिक्षकों की भर्ती पूर्व में दो बार राजनीतिक कारणों से बाधित हुई। जुलाई 2018 में भाजपा सरकार ने 39 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे, जिनमें 15 पद खेल अधिकारियों के और 24 प्रशिक्षक ग्रेड-3 के थे। लेकिन सरकार बदलने पर कांग्रेस सरकार ने यह प्रक्रिया रद्द कर दी। सितंबर 2023 में कांग्रेस सरकार ने फिर प्रशिक्षक ग्रेड-3 के 128 पदों के लिए आवेदन मांगे। छंटनी तक की प्रक्रिया भी पूरी हुई, लेकिन इस बार भी सरकार के बदलने से भर्ती आगे नहीं बढ़ सकी। दोनों ही प्रयास राजनीति की भेंट चढ़ गए।

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