88.16 मीटर थ्रो के साथ लिया जूलियन वेबर से पिछली हार का बदला, नीरज चोपड़ा ने जीता पेरिस डायमंड लीग का खिताब
90 मीटर की कोशिश में थे
भारत के स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पेरिस डायमंड लीग 2025 की मेन्स जैवलिन थ्रो स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया
पेरिस। भारत के स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पेरिस डायमंड लीग 2025 की मेन्स जैवलिन थ्रो स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया। शुक्रवार को पेरिस में हुए इस इवेंट में नीरज ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जर्मनी के जूलियन वेबर को पराजित किया। नीरज पिछले दो टूनार्मेंट में वेबर से पराजित हो गए थे, लेकिन अब उन्होंने उन दो पराजयों का बदला ले लिया है। पेरिस डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा ने पहले प्रयास में 88.16 मीटर का थ्रो किया, जिसके चलते वो सबसे आगे निकल गए और अंत तक लीड कायम रखी। फिर नीरज ने दूसरे प्रयास में 85.10 मीटर की दूरी तय की। नीरज का तीसरा, चौथा और पांचवां प्रयास फाउल रहा। जबकि छठे प्रयास में उन्होंने 82.89 मीटर का थ्रो किया।
90 मीटर की कोशिश में थे
नीरज ने बताया कि वह डायमंड लीग में 90 मीटर के पार फेंकने की कोशिश में थे, लेकिन रन-अप तेज हो जाने के कारण वह अपनी गति पर नियंत्रण नहीं रख पाए। उन्होने ओलंपिक्स डॉट काम से कहा कि मैं आज 90 मीटर से ज्यादा की उम्मीद कर रहा था, लेकिन रन-अप बहुत तेज था और मैं कंट्रोल नहीं कर सका।
दोहा में किया 90.23 मीटर का थ्रो
इससे पहले नीरज ने मई में दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर का थ्रो कर न केवल अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ दूरी नापी थी, बल्कि भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ा था। हालांकि उस प्रतियोगिता में जूलियन वेबर ने 91.06 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो कर उन्हें दूसरे स्थान पर धकेल दिया था। नीरज इस सीजन में चेक गणराज्य के दिग्गज और वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जान जेलेजनी के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। जेलेजनी ने अपने करियर में 90 मीटर की दूरी 50 से अधिक बार पार की है और 1996 में 98.48 मीटर दूर भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जो आज भी कायम है। नीरज ने कहा कि हम तकनीक पर काम कर रहे हैं और उनके साथ ट्रेनिंग करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब उनसे पूछा गया कि क्या जान जेलेजनी का वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके निशाने पर है, तो नीरज ने मुस्कराते हुए कहा, ‘पहले मुझे उनके कुछ छोटे रिकॉर्ड तोड़ने होंगे। वो 98 मीटर फेंक चुके हैं और 90 मीटर से ऊपर तो न जाने कितनी बार। शायद जब मैं 95 मीटर तक पहुंच जाऊं, तब कुछ कहने लायक बनूं।

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