राजस्थान खेल परिषद ने किए बड़े बदलाव, लेकिन अब भी नियम विरुद्ध पदस्थापन जारी,आउट ऑफ टर्न नियुक्ति की जिम्मेदारी तेजराज को, कोमल देखेंगी अनुदान शाखा
लंबे समय से एक ही पद पर कार्यरत हैं कई अधिकारी
राजस्थान खेल परिषद ने अपने प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव किए।
जयपुर। राजस्थान खेल परिषद ने अपने प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव किए। परिषद की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों का नये सिरे से आवंटन किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव के तहत जनसंपर्क अधिकारी तेजराज सिंह को आउट ऑफ टर्न आधार पर नियुक्तियों की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि खेल प्रबंधक कोमल चौधरी को खिलाड़ियों को मिलने वाले अनुदान की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में राजस्थान खेल परिषद के सचिव राजेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा आदेश जारी किए गए।
इनके कार्यों में भी किया बदलाव :
अर्जुन सिंह- लेखा शाखा के साथ कैशियर अशोक शर्मा का सहयोग। मनोज शर्मा- संस्थापन और खेलो इंडिया शाखा। सुमित भट्ट- निर्माण शाखा। अंकिता शर्मा- अनुदान शाखा। एकता तिवाड़ी- समन्वय शाखा।
इन्हें मिली नई जिम्मेदारी :
अनिरुद्ध जगधारी- एमओयू से संबंधित कार्य।
कोमल चौधरी- पूर्व आवंटित कार्यों के साथ अनुदान शाखा का कार्यभार।
तेजराज सिंह- पूर्व कार्यों के अतिरिक्त आउट ऑफ टर्न आधार पर नियुक्ति और नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण संबंधी कार्य।
राजेश शर्मा- महाराणा प्रताप, गुरु वशिष्ठ, खेल रत्न और अन्य पुरस्कारों का कार्यभार। साथ ही, द्रोणाचार्य अवार्डियों को भूमि आवंटन, खिलाड़ियों की पेंशन, मुख्यमंत्री स्पोर्ट्स पर्सन बीमा योजना और ई-स्पोर्ट्स से जुड़े कार्य।
लंबे समय से एक ही पद पर कार्यरत हैं कई अधिकारी :
खेल परिषद में कई अधिकारी और कर्मचारी लंबे समय से एक ही पद पर कार्यरत हैं। साथ ही कुछ कर्मचारी नियम विरुद्ध प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे हैं। नियमानुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि अधिकतम चार वर्ष हो सकती है, लेकिन सहायक लेखाधिकारी-1 अनिल जैन पिछले छह वर्षों से इस पद पर कार्यरत हैं। उनका स्थानांतरण हो चुका है और मूल विभाग से रिलीविंग पत्र भी आ चुका है, लेकिन परिषद द्वारा अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खेल परिषद में सहायक लेखाधिकारी -1 के पद पर निशा गर्ग भी कार्यरत है।
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