रोम वार्ता के बाद ईरान ने दिए अमेरिका से डील के संकेत, खत्म होगी वर्षों की दुश्मनी, परमाणु समझौते की बनाएंगे रूपरेखा 

प्रतिबंधों का मुद्दा मजबूती से उठाएंगे: ईरान

रोम वार्ता के बाद ईरान ने दिए अमेरिका से डील के संकेत, खत्म होगी वर्षों की दुश्मनी, परमाणु समझौते की बनाएंगे रूपरेखा 

ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत का दूसरा दौर शनिवार को इटली के रोम में पूरा हो गया है

रोम। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत का दूसरा दौर शनिवार को इटली के रोम में पूरा हो गया है। ओमान दूतावास में दोनों पक्षों में करीब चार घंटे तक वार्ता हुई। बैठक में अमेरिका की ओर से डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची शामिल हुए। दोनों पक्षों ने इस बातचीत को सकारात्मक कहा है। साथ ही अगले सप्ताह फिर बैठक करने पर राजी हुए हैं। परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और अमेरिका की अगले दौर की वार्ता ओमान में होगी। ईरान ने कहा है कि अब कि परमाणु समझौते के लिए रूपरेखा तैयार करना शुरू किया जाएगा।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ईरानी सरकारी टेलीविजन को बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत को अगले चरण में ले जाने पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा, अगले फेज में ओमान में विशेषज्ञ स्तर की बैठक होगी। इससे विशेषज्ञों को समझौते के लिए एक ढांचा तैयार करने का अवसर मिलेगा। ओमान के विदेश मंत्रालय ने ने कहा कि बैठकों का मकसद उद्देश्य एक निष्पक्ष और स्थायी समझौता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ईरान परमाणु हथियारों और प्रतिबंधों से मुक्त हो जाए। साथ ही ईरान शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा विकसित करने की अपनी क्षमता बनाए रख सके।

प्रतिबंधों का मुद्दा मजबूती से उठाएंगे : ईरान
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बागाई ने शनिवार की वार्ता के बाद कहा कि हम अपने देश पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के लिए गंभीरता से बातचीत जारी रखेंगे। यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब पश्चिम में तनाव बढ़ रहा है। गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है और यमन में अमेरिकी हवाई हमलों में मौतें हो रही हैं। ऐसे में ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत का होना महत्वपूर्ण है। ये बातचीत इसलिए भी अहम है क्योंकि ईरान और अमेरिका में 1979 की इस्लामी क्रांति और अमेरिकी दूतावास बंधक संकट के बाद से दुश्मनी का माहौल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2018 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से एकतरफा रूप से बाहर निकल गए थे। इस दफा भी जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने ईरान पर हमलावर रुख अपनाया है। अमेरिका और पश्चिमी देशों का कहना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश ईरान पर परमाणु कार्यक्रम को रोकने का दबाव बना रहे है। अमेरिका ने ईरान पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। दूसरी ओर ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। अमेरिका और ईरान में परमाणु कार्यक्रम और आर्थिक प्रतिबंधों पर बातचीत चल रही है। इसर पर अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं। तीसरी मीटिंग अगले हफ्ते होगी।

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