चीन : टॉप डिप्लोमैट लियू जियानचाओ हिरासत में, विदेश मंत्री बनने की चल रही थीं अटकलें
किन गैंग को विदेश मंत्री के पद से हटाया
चीन के सियासी गलियारों में हलचल तेज है।
बीजिंग। चीन के सियासी गलियारों में हलचल तेज है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ राजनयिक लियू जियानचाओ को जुलाई के अंत में एक विदेशी दौरे से लौटने के बाद बीजिंग में अधिकारियों ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई उस वक्त हुई है, जब वो हाल के वर्षों में चीन की विदेश नीति के सबसे सक्रिय चेहरों में से एक बन चुके थे। लियू जियानचाओ को चीन में संभावित विदेश मंत्री के तौर पर देखा जा रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, 61 वर्षीय लियू को जुलाई के अंत में एक विदेशी दौरे से बीजिंग लौटने के बाद हिरासत में लिया गया। यह जानकारी मामले से जुड़े लोगों के हवाले से दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय संपर्क विभाग ने तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी :
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, फिलहाल, चीन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। चीनी सरकार के राज्य परिषद सूचना कार्यालय और कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय संपर्क विभाग ने तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी है। लियू जियानचाओ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के उस विभाग के प्रमुख हैं, जो विदेशी राजनीतिक दलों के साथ संबंध प्रबंधन का काम करता है। उन्होंने 2022 में यह जिम्मेदारी संभालने के बाद से 20 से ज्यादा देशों का दौरा किया और 160 से ज्यादा देशों के अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं। दरअसल, लियू की व्यस्त विदेश यात्राओं और खासतौर पर अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से वॉशिंगटन में हुई मुलाकातों ने यह अटकलें तेज कर दी थीं कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रहे लियू को अगला विदेश मंत्री बनाने की तैयारी हो रही है। लियू की हिरासत को अब तक के सबसे उच्च-स्तरीय राजनयिक जांच के रूप में देखा जा रहा है।
किन गैंग को विदेश मंत्री के पद से हटाया :
इससे पहले चीन में 2023 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाने वाले किन गैंग को विदेश मंत्री के पद से हटा दिया था। किन गैंग को लेकर उस समय विवाहेतर संबंधों की अफवाहें फैली थीं। चीन के उत्तर-पूर्वी प्रांत जिलिन में जन्मे लियू जियानचाओ ने बीजिंग फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय में ट्रांसलेटर के रूप में अपना पहला पद संभाला। लियू ने ब्रिटेन में चीन मिशन में काम किया और बाद में इंडोनेशिया और फिलीपींस में राजदूत रहे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के तौर पर वे अपने बेबाक और कभी-कभी मजाकिया जवाबों के लिए जाने जाते रहे हैं।

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