80 देशों में साइबर हमला : एक लाख डिवाइस में वायरस डालकर किया खतरनाक काम, हैकर अमेरिका में गिरफ्तार
साइबर अटैक का तरीका जानकर एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं
इस करतूत को अंजाम देने वाला मात्र एक शख्स है। उसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है। इस शख्स के साइबर अटैक का तरीका जानकर एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं।
वॉशिंगटन। टेक्नोलॉजी के आने के साथ ही कई तरह के अपराध पैर पसारने लगे हैं। आए दिन लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हो रहे हैं। सरकारों और बड़ी बिजनेस कंपनियों की साइट पर साइबर हमले हो रहे हैं। बीते 4-5 महीनों से रैपर बॉट के इस्तेमाल से दुनिया के 80 देशों के कुछ लोगों पर साइबर अटैक्स हुए। सुनने में ऐसा लगता है कि इस अटैक के पीछे एक पूरा गैंग होगा, लेकिन इस करतूत को अंजाम देने वाला मात्र एक शख्स है। उसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है। इस शख्स के साइबर अटैक का तरीका जानकर एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं।
सबसे पावरफुल और खतरनाक बॉटनेट बनाया
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के अलास्का में 22 साल के एक लड़के को गिरफ्तार किया गया है। उसका नाम एथन फोल्ट्ज है। वह ओरेगन का रहने वाला है। आरोप है कि उसने रैपर बॉट नाम का एक खतरनाक डीडीओएस यानी डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस बॉटनेट बनाया। उसे चलाया और बाद में किराए पर भी दिया। यह बॉटनेट दुनिया के सबसे पावरफुल और खतरनाक बॉटनेट्स में से एक है। डिपार्टमेंट आॅफ जस्टिस ने बताया कि एथन के घर पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया गया और रैपर बॉट को जब्त करके बंद कर दिया है।
3 लाख 70 हजार साइबर अटैक किए: एथन अपने द्वारा बनाए गए बॉटनेट का इस्तेमाल खुद ही नहीं करता था, बल्कि बाकी साइबर क्रिमिनल्स को किराए पर भी देता था। वो इसका इस्तेमाल करके साइबर हमले करते थे। अप्रैल 2025 से अब तक रैपर बॉट का इस्तेमाल 80 देशों में 18,000 से ज्यादा लोगों पर हुआ।
इन लोगों पर 3 लाख 70 हजार साइबर अटैक हुए। इन हमलों का निशाना सरकारी एजेंसियां, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अमेरिका की टेक कंपनियां थीं। इन हमलों की ताकत इतनी थी कि कुछ मामलों में यह 6 टेराबाइट प्रति सेकंड तक पहुंच गई। जब इतनी ताकत हो तो किसी भी सिस्टम को आसानी से ठप किया जा सकता है।
ऐसे करता साइबर अटैक
रैपर बॉट को आप आसान भाषा में एक तरह का मैलवेयर भी कह सकते हैं। इस मैलवेयर ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर और वाई-फाई राउटर जैसे करीब 1 लाख डिवाइसेस को अपनी जद में ले लिया। इन्हीं डिवाइसेस से एथन ने एक खतरनाक नेटवर्क बनाया। उसे डीडीओएस अटैक के लिए यूज किया जाता था। डीडीओएस अटैक में किसी वेबसाइट या सर्वर पर इतना ट्रैफिक भेजा जाता है कि वह हैंडल नहीं कर पाती और ठप पड़ जाती है।

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