आयोग से मिलकर बिहार के लोगों के मताधिकार छीन रही है सरकार : लोगों की नागरिकता भी खतरे में है, कांग्रेस ने कहा- मतदाताओं पर मतदान सूची से बाहर होने का खतरा
वोटर पहचान-पत्र शामिल नहीं हैं
चुनाव आयोग के साथ मिलकर मोदी सरकार आपके वोट के अधिकार को छीन लेना चाहती है। इतना ही नहीं, आपकी नागरिकता भी खतरे में है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार चुनाव आयोग के साथ मिलकर बिहार के लोगों के वोट देने के अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है। इसलिए चुनाव से ठीक पहले सदन अभियान चलाकर मतदाता सूची तैयार करने का काम किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना कि जो काम उसे समय से कर देना चाहिए था, वह चुनाव से ठीक पहले शुरू किया जा रहा है, ताकि मतदाता समय पर शर्तों के अनुसार कागजात जमा नहीं कर पाएं और और उन्हें मतदान से वंचित रखा जा सके।
पार्टी ने कहा कि बिहार के लोगों सावधान। चुनाव आयोग के साथ मिलकर मोदी सरकार आपके वोट के अधिकार को छीन लेना चाहती है। इतना ही नहीं, आपकी नागरिकता भी खतरे में है। बूथ स्तर के एक अधिकारी का साफ कहना है कि अगर आप कागज नहीं दिखा पाएं, तो वोट देने का अधिकार तो गया ही आपकी नागरिकता भी खत्म कर दी जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग बिहार में मतदाता सूची की जांच कर रहा है। इसके लिए लोगों से कागज दिखाने को कहा गया है, लेकिन इसमें आधार कार्ड और वोटर पहचान-पत्र शामिल नहीं हैं।
बिहार के अधिकतर लोगों के पास पहचान साबित करने कि लिए सिर्फ आधार कार्ड है, जिसे चुनाव आयोग मानने को तैयार नहीं है। इससे बिहार के करोड़ों मतदाताओं के ऊपर मतदान सूची से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है, जो अन्याय है। पार्टी ने कहा कि ये षड़यंत्र है। वोट का अधिकार छीन लेने का षड़यंत्र , जो मोदी सरकार और चुनाव आयोग ने मिलकर किया है।

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