वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में 8 पायदान का सुधार, फिर भी पाकिस्तान से नीचे, टॉप पर फिनलैंड
वहां की जनसंख्या में खुशी देखी जाती है
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लिस्ट के टॉप-5 देशों की बात करें तो फिनलैंड पहले, डेनमार्क दूसरे, आईसलैंड तीसरे, स्वीडन चौथे और नीदरलैंड पांचवें नंबर पर है।
वॉशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के खुशहाल देशों की लिस्ट (वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025) जारी की है। मौजूदा साल 2025 की इस लिस्ट में कुल 147 देशों को शामिल किया गया है। भारत को इसमें 118वां स्थान मिला है। ये स्थिति काफी कमजोर दिखती है लेकिन बीते साल के लिहाज से भारत की रैंकिंग में सुधार आया है। 2024 में भारत को 126वां स्थान मिला था। इस साल आठ पायदान के सुधार के साथ भारत का नंबर 118वां है। इस लिस्ट की मानें तो फिलिस्तीन, यूक्रेन समेत कई युद्धग्रस्त देशों के लोग भारतीयों से ज्यादा खुश हैं। फिनलैंड एक बार फिर से दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना है। यह लगातार आठवां साल है, जब फिनलैंड ने अपना पहला स्थान बरकरार रखा है। इस लिस्ट में युद्ध, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दे से घिरे यूक्रेन, मोजाम्बिक, ईरान, इराक, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, कांगो, युगांडा, गाम्बिया और वेनेजुएला जैसे देशों की रैंकिंग भारत से बेहतर है। भारत हालिया वर्षों में 2022 ही में टॉप-100 में जगह बनाने में कामयाब हुआ था।
सबसे खुशहाल और कम खुश देश
इस लिस्ट के टॉप-5 देशों की बात करें तो फिनलैंड पहले, डेनमार्क दूसरे, आईसलैंड तीसरे, स्वीडन चौथे और नीदरलैंड पांचवें नंबर पर है। वहीं खबसे कम खुशहाल देश यानी नीचे से रैंकिग देखी जाए तो अफगानिस्तान सबसे नीचे (147वां नंबर) है। सिएरा लियोन को 146वां, लेबनान 145, मालावी 144 और जिम्बाब्वे को 143वां नंबर मिला है। ब्रिटेन को 23वां और अमेरिका को 24वां नंबर मिला है। इस लिस्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग 109 है। वह भारत से 9 पायदान ऊपर है। खुशहाल देशों की इस रिपोर्ट को 147 देशों के लोगों की जीवन की गुणवत्ता के मूल्यांकन के आधार पर बनाया जाता है। यह रिपोर्ट लोगों से ऐसे सवाल पूछकर बनाई जाती है कि वे अपने जीवन से कितने खुश है। इसके अलावा दूसरी चीजें भी देखी जाती हैं, जैसे कि लोगों के पास कितना पैसा है।
ऐसे बनती है रिपोर्ट
रिपोर्ट कहती है कि दूसरों के साथ भोजन करना, सामाजिक समर्थन के लिए किसी का साथ होना, परिवार का आकार और दूसरों की दयालुता पर विश्वास करना जैसे कारक खुशहाली में अहम भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, जो लोग मानते हैं कि दूसरे उनका खोया हुआ बटुआ लौटा देंगे, वहां की जनसंख्या में खुशी देखी जाती है।
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