भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए अफगानिस्तान भेजी मदद : अमेरिकी प्रतिबंधों का डर नहीं, ट्रंप से बढ़ेगा तनाव

अमेरिका को दिया मैसेज

भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए अफगानिस्तान भेजी मदद : अमेरिकी प्रतिबंधों का डर नहीं, ट्रंप से बढ़ेगा तनाव

भारत ने अफगानिस्तान को दवाएं और दूसरी जरूरी चीजों की मदद भेजी है। अफगानिस्तान में भूकंप से हुई तबाही के बाद भारत ने ये मदद दी है

काबुल। भारत ने अफगानिस्तान को दवाएं और दूसरी जरूरी चीजों की मदद भेजी है। अफगानिस्तान में भूकंप से हुई तबाही के बाद भारत ने ये मदद दी है। भारत की ये नई मानवीय सहायता चाबहार बंदरगाह के जरिए काबुल पहुंचाई गई है। राहत सामग्री से भरे तीन कंटेनर चाबहार के रास्ते अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे। इसके बाद इस सामग्री को भारतीय अफसरों ने अफगान अधिकारियों को सौंप दिया। भारत का ये कदम इसलिए अहम है क्योंकि चाबहार पोर्ट को लेकर अमेरिका और भारत में तनातनी है। अमेरिका ने हाल ही में ईरान के चाबहार बंदरगाह का संचालन करने पर प्रतिबंध का ऐलान किया है। भारत ने अमेरिका के धमकाने वाले अंदाज को नजरअंदाज कर चाबहार का इस्तेमाल किया। ये ट्रंप प्रशासन और भारत के बीच तनाव बढ़ा सकता है।

क्या भेजा गया काबुल
भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया है कि काबुल भेजी गई सामग्री हाल में आए भूकंप के बाद अफगानिस्तान को भारत की ओर से दी गई मानवीय सहायता का हिस्सा है। इस खेप में खाद्य सामग्री, वाटर प्यूरीफायर, प्रोटीन पाउडर, टिन की चादरें, स्लीपिंग बैग, स्वच्छता किट, जल भंडारण टैंक, जनरेटर सेट, पारिवारिक टेंट, कंबल, आवश्यक दवाइयां और चिकित्सा सामग्री शामिल हैं। भारत ने इस महीने की शुरूआत में हवाई मार्ग से 21 टन राहत सामग्री अफगानिस्तान भेजी थी। इस सामग्री में टेंट, कंबल, चिकित्सा किट और बिजली जनरेटर शामिल थे। इसके बाद समुद्र से भेजी गई यह नवीनतम खेप भारत की सहायता प्रतिक्रिया के विस्तार और संकटग्रस्त अफगान लोगों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

अमेरिका को दिया मैसेज
अफगानिस्तान के लिए भारत का यह मानवीय प्रयास वाशिंगटन की ओर से 2018 की उस छूट को रद्द करने की घोषणा के बाद आया है, जिसने चाबहार में भारत के संचालन को ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों से बचाया था। इस छूट ने नई दिल्ली को अमेरिकी दंडों का सामना किए बिना बंदरगाह का उपयोग अफगानिस्तान और उसके बाहर माल की आपूर्ति करने की अनुमति दी थी। अमेरिका के नीतिगत बदलाव के बावजूद भारत ने शिपमेंट बढ़ाया है। इससे भूकंप प्रभावित अफगानिस्तान की मानवीय जरूरतों और चाबहार कॉरिडोर को बनाए रखने के लिए नई दिल्ली के रणनीतिक महत्व दोनों पर जोर दिया गया है। 

चाबहार बंदरगाह लंबे समय से भारत के क्षेत्रीय संपर्क लक्ष्यों का केंद्र रहा है। यह भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए एक वैकल्पिक व्यापार और पारगमन मार्ग प्रदान करता है, जो पाकिस्तान को दरकिनार करता है।

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