भारत ने रोकी अजरबैजान की एससीओ की सदस्यता : मोदी सरकार पर भड़का मुस्लिम देश, पाकिस्तान का है कट्टर दोस्त
आर्मेनिया को दुश्मन मानता है पाक
पाकिस्तान ने यह बातचीत तब की है, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में आर्मेनिया और अजरबैजान ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
बाकू। अजरबैजान ने आरोप लगाया है कि भारत ने उसके शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के पूर्ण सदस्यता के प्रयास को रोक दिया है। अजरबैजान को पाकिस्तान का करीबी समझा जाता है। उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था। इतना ही नहीं, अजरबैजान इस्लाम के नाम पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन भी करता है। हालांकि, भारत ने अजरबैजानी मीडिया की इन रिपोर्टों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। चीन के तियानजिंग में एससीओ शिखर सम्मेलन का समापन हुआ है। इसमें अजरबैजान डायलॉग पार्टनर की हैसियत से शामिल हुआ था।
शंघाई भावना के सिद्धांतों के विपरीत: अजरबैजानी मीडिया न्यूज एजेड ने लिखा कि चीन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य बनने के अजरबैजान के आवेदन के लिए अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की है। इसके विपरीत, मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने का भारत का निर्णय बहुपक्षीय कूटनीति और शंघाई भावना के सिद्धांतों के विपरीत है, जो यह निर्धारित करता है कि द्विपक्षीय विवादों को बहुपक्षीय मंचों पर प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, भारत की स्थिति अजरबैजान के पाकिस्तान के साथ भाईचारे के संबंधों से निकटता से जुड़ी हुई है।
संबंध स्थापित करने की कोशिश तेज
इस बीच अजरबैजान के सबसे करीबी दोस्त पाकिस्तान ने आर्मेनिया के साथ द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने की कोशिशों को तेज कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने अपने अर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिजोर्यान के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने राजनयिक संबंध स्थापित करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर इस बातचीत की पुष्टि की है।
आर्मेनिया को दुश्मन मानता है पाक
पाकिस्तान ने यह बातचीत तब की है, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में आर्मेनिया और अजरबैजान ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले तक पाकिस्तान लगातार आर्मेनिया की आलोचना करता रहा है और उसे एक आक्रामक देश के रूप में मान्यता दी है। पाकिस्तान ने यह सब अपने दोस्त देश अजरबैजान को खुश करने के लिए किया है। उधर, अजरबैजानी मीडिया का दावा है कि पाकिस्तान ने यह बातचीत उनके देश के साथ चर्चा करने के बाद की है।

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