लद्दाख संकट पर खरगे का बीजेपी पर हमला : सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर की निंदा, छठी अनुसूची वादे पर विश्वासघात का आरोप
कांग्रेस लद्दाख में शांति के अलावा कुछ नहीं चाहती
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनम वांग्चुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए लद्दाख के हालात के लिए भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार बताया
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनम वांग्चुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए लद्दाख के हालात के लिए भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार बताया और कहा कि उसने जनता से जो वादा किया था उसे पूरा नहीं कर वहां के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। खरगे ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कांग्रेस लद्दाख में स्थिति से निपटने के सरकार के कठोर तरीके और उसके बाद सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है। इस संकट की जड़ में लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं के साथ भाजपा का लगातार विश्वासघात है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से लद्दाख में उथल-पुथल मची हुई है और इस क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की लोगों की मांग को धैर्यपूर्वक सुनने के बजाय, केन्द्र सरकार हिंसात्मक तरीके से उन्हें जवाब दे रही है। भाजपा ने इस क्षेत्र को छठी अनुसूची का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन दुर्भाग्य से उस वादे को पूरी तरह से नकार दिया गया है।
खड़गे ने कहा कांग्रेस लद्दाख में शांति के अलावा कुछ नहीं चाहती। दशकों से, हमने यह सुनिश्चित किया है कि यह खूबसूरत सीमावर्ती क्षेत्र लोकतंत्र की भावना और राष्ट्रीय सुरक्षा, दोनों को कायम रखते हुए सौहार्दपूर्ण और सुरक्षित बना रहे। हम 4 निर्दोष युवकों की मौत और कई अन्य लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की घटना की न्यायिक जाँच की माँग करते हैं।
उन्होंने कहा कि लद्दाख में लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोकतंत्र को पुनर्जीवित और बहाल करने की आवश्यकता है। इस बीच कांग्रेस महासचिव तथा संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि ''2019 में, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पूरे लद्दाख को छठी अनुसूची के अंतर्गत लाने की सिफ़ारिश की थी। गृह मंत्रालय, क़ानून मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई और 2020 में लेह पर्वतीय परिषद चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र में भी इसे एक वादे के तौर पर शामिल किया गया था। सोनम वांगचुक तो बस यही माँग दोहरा रहे थे। लेकिन अब वे बिना जमानत के जेल में हैं और हम हैं कि अब भी खुद को लोकतंत्र की जननी समझते हैं।''

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