लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट वांगचुक गिरफ्तार : लेह हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने माना जिम्मेदार, कड़ी सुरक्षा में पहुंचाए गए जोधपुर
लेह में हिंसक हुआ था आंदोलन
लेह में हिंसा के बाद लद्दाख के चर्चित सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया
नई दिल्ली/जोधपुर। लेह में हिंसा के बाद लद्दाख के चर्चित सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें देर शाम कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। लेह में हाल ही में हुए हिंसक आंदोलन के बाद सरकार ने उन्हें घटनाओं का मुख्य जिम्मेदार माना था। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह वांगचुक को लेह से हिरासत में लेकर सबसे पहले दिल्ली लाया गया। वहां से विशेष विमान से जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन लाया गया। शाम होते-होते सुरक्षा बलों के कड़े पहरे में काफिला सेंट्रल जेल के मुख्य द्वार पर पहुंचा। रात करीब 8:30 बजे औपचारिक कार्यवाही पूरी करने के बाद वांगचुक को जेल के अंदर विशेष वार्ड में शिफ्ट किया गया। दिन में ही जेल प्रशासन को वीआईपी बंदी की तैयारियों के निर्देश मिल चुके थे।
लेह में हिंसक हुआ था आंदोलन
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 10 सितंबर से लेह में भूख हड़ताल व धरना चल रहा था। 24 सितंबर को यह आंदोलन हिंसक रूप ले बैठा। प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 45 से अधिक लोग घायल हुए। हिंसा के बाद हालात बिगड़ने पर पुलिस और पैरामिलिट्री बलों को भारी तादाद में तैनात करना पड़ा। लेह में फिलहाल कर्फ्यू लागू है और सुरक्षाबल लगातार गश्त कर रहे हैं।
वांगचुक बने आंदोलन का चेहरा
सोनम वांगचुक पिछले कई महीनों से लद्दाख के मुद्दों को लेकर सक्रिय थे। आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था, अगर सरकार हमारी मांगें नहीं सुनेगी तो दुर्भाग्य से इस तरह की घटनाएं भविष्य में भी हो सकती हैं। इसी बयान और बढ़ती हिंसा के चलते सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें निशाने पर लिया और हिरासत में लेकर जोधपुर शिफ्ट कर दिया। जोधपुर जेल प्रशासन के मुताबिक वांगचुक को एक अलग वार्ड में रखा गया है, जहां सुरक्षा और निगरानी के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
एनजीओ का लाइसेंस किया रद्द
गृह मंत्रालय ने वांगचुक पर भड़काऊ भाषण के माध्यम से हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। साथ ही मंत्रालय ने श्री वांगचुक द्वारा स्थापित स्टुडेंट््स एजुकेशनल एंड कल्चरल मुवमेंट आॅफ लद्दाख (एसइसीएमओल) का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पुलिस बुधवार से ही असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। अब तक 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही अधिकारी संभावित बाहरी हस्तक्षेप की भी जांच कर रहे हैं।

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