पीएम मोदी की पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस के साथ द्विपक्षीय बैठक, कहा- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पराग्वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े

पराग्वे के राष्ट्रपति की यह दूसरी भारत यात्रा

पीएम मोदी की पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस के साथ द्विपक्षीय बैठक, कहा- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पराग्वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पराग्वे को लैटिन अमेरिकी महाद्वीप में भारत के महत्वपूर्ण साझीदारों में से एक बताते हुए आतंकवाद सहित सभी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे से सीखने की जरूरत रेखांकित की

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पराग्वे को लैटिन अमेरिकी महाद्वीप में भारत के महत्वपूर्ण साझीदारों में से एक बताते हुए आतंकवाद सहित सभी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे से सीखने की जरूरत रेखांकित की। मोदी ने यहां हैदराबाद हाउस में पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासियोस के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा कि “आपकी भारत यात्रा ऐतिहासिक है। पराग्वे के राष्ट्रपति की यह दूसरी भारत यात्रा है। आप न केवल दिल्ली बल्कि मुंबई भी जा रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से आपसी संबंधों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मेरा मानना है कि आपसी सहयोग के माध्यम से हम साझा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। हमारे पास डिजिटल प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा, रेलवे और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर हैं।”

उन्होंने कहा कि पराग्वे दक्षिण अमेरिका में हमारे महत्वपूर्ण साझीदारों में से है। हमारा भूगोल भले ही अलग हो, लेकिन हमारे लोकतांत्रिक आदर्श और जनकल्याण की एक ही सोच है। मोदी ने कहा कि “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पराग्वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। साइबर अपराध, संगठित अपराध और नशीली दवाओं की तस्करी जैसी आम चुनौतियों से लड़ने के लिए सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। भारत और पराग्वे ग्लोबल साउथ का एक अभिन्न अंग हैं। हमारी आशाएँ, आकांक्षाएँ और चुनौतियां समान हैं, इसलिए हम एक-दूसरे के अनुभवों से सीखकर इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं। हमें संतोष है कि कोविड महामारी के समय हम भारत में बनी वैक्सीन, पैराग्वे के लोगों के साथ साझा कर सके। ऐसी और भी क्षमताएं हम एक दूसरे के साथ साझा कर सकते हैं।”

मोदी ने कहा कि “मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा आपसी विश्वास, व्यापार और घनिष्ठ सहयोग के स्तंभों को नई ताकत प्रदान करेगी। यह भारत-लैटिन अमेरिका संबंधों में नए आयाम भी जोड़ेगा। पिछले साल, मैंने गुयाना में कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहाँ हमने कई विषयों पर बढ़ते सहयोग पर चर्चा की। हम इन सभी क्षेत्रों में पराग्वे और सभी लैटिन अमेरिकी देशों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।”

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