चुनाव आयोग पर राहुल के आरोप बेबुनियाद : अदालत और आयोग पर हमला लोकतंत्र के लिए खतरा, रिजिजू ने कहा- महादेवपुरा केस में नहीं है कोई ठोस तथ्य
चुनाव आयोग को यहां घसीटकर लाएंगे तो चुनाव कौन कराएगा
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है
नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। रिजिजू ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गांधी ने आज फिर चुनाव आयोग पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के बनाए हुए प्रस्तुति को गांधी ने फिर से दोहराया है। कांग्रेस पार्टी ने कल उच्चतम न्यायालय पर हमला करते हुए कहा कि अदालत यह तय नहीं करेगा कि कौन भारतीय है और कौन भारतीय नहीं है। कांग्रेस शीर्ष अदालत को नहीं मानती है, चुनाव आयोग को नहीं मानती है तो वह किसको मानते हैं।
उन्होंने कहा कि गांधी ने आज कर्नाटक के एक विधानसभा के बारे में जो बातें रखी उसमें कोई तथ्य नहीं है। चुनाव आयोग, उच्चतम न्यायालय पर बार-बार हमला करना सही नहीं है। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस और विपक्षी दलों से साफ साफ कहना चाहते हैं कि बिहार में मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर लोगों को गुमराह न करें। संसद में वही मामले उठाए जा सकते हैं, जो नियम प्रक्रियाओं के तहत हो। उन्होंने कहा कि संसद में खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष ऐसे मामलों को लेकर चर्चा करना चाहता है जिसके बारे में नियम नहीं है और न ही ऐसी पुरानी परंपरा रही है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अगर चुनाव आयोग को यहां घसीटकर लाएंगे तो चुनाव कौन कराएगा। भारत सरकार अगर चुनाव सुधार का कोई कानून बनायेगा तो हम सदन में चर्चा कर सकते हैं लेकिन एसआईआर बिल्कुल अलग मामला है। उन्होंने कहा कि गांधी की बात को गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। उनके पीछे एनजीओ है और जो उन्हें समझा दिया जाता है वहीं गांधी बात करते हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने आज आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग वोटों की चोरी करवा रहा है और इस संबंध में उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट के मतदाताओं का ब्योरा प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि वहां एक लाख से अधिक गलत वोट बनवाए गए थे। उन्होंने कहा कि उनके पास गलत वोट बनाए जाने के ‘प्रमाण’ हैं और इस संबंध में उन्होंने वहां प्रस्तुति भी दी। उनका कहना था कि ये सभी प्रमाण तुलनात्मक ढंग से और पर्याप्त शोध के बाद जुटाए गए हैं।

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