mukundra tiger reserve
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Read More... इनसाइड स्टोरी : पूरी रात रेलवे ट्रैक के पास पर बैठी रही बाघिन कनकटी, टला ब्रोकन टेल जैसा हादसा
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हाइवे एनएच-52 व रेलवे ट्रैक पास होने से टाइग्रेस की जान को था खतरा। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया खोज रहा मुकुंदरा में बीमारियां : टाइगर रिजर्व मैनेजमेंट में मिलेगी मदद, बीमारियों व इंफेक्शन से बचाना उद्देश्य
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गत वर्षों में लगातार बाघों की मौत के बाद उठाया कदम। चीता बसाने को 42563 हैक्टेयर वनखंड को वाइल्ड लाइफ में शामिल करने की तैयारी
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शेरगढ़ सेंचुरी से सटे बारां-झालावाड़ व कोटा के तीन वनखंडों को वन्यजीव के अधीन करने का मामला। अब मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में जड़ से उखाड़ा जाएगा जूली फ्लोरा
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वन्यजीवों के लिए नासूर बना कांटों का पेड़, जख्मी हो रहे जानवर मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में अवैध कब्जे
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जंगल में घुसपैठ से खत्म हो रहा वन्यजीवों का हैबीटॉट। मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में नीलगाय से भालू तक का हो गया शिकार
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करोड़ों का एंटी पोचिंग सिस्टम व कैमरा टावर भी बेअसर। मुकुंदरा सफारी को तरसा और रामगढ़ खुशी से चहका
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सफारी, टाइगर मॉनिटरिंग और जंगल बचाने की दिशा में अच्छी पहल साबित हो सकती है। फिर से मुकुंदरा के जंगल में गूंजेगी किलकारी!
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बाघिन एमटी-4 व बाघ एमटी-5 तीन महीने से अधिक समय से दोनों एक साथ रह रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में दोनों का मूवमेंट कोलीपुरा व राउंठा रैंज में बना हुआ है। वहीं, बाघिन ने बाघ से थोड़ी दूरी बनाए हुए है। पहली नजर में ही दिल दे बैठा टाइगर एमटी-5
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रविवार को बाघ गैपरनाथ में था, वह करीब 30 से 32 किमी चलकर बाघिन के पास पहुंचा। दामोदरपुरा वनक्षेत्र में जब दोनों की एक-दूसरे पर नजर पड़ी तो इनके बीच करीब 150 मीटर की दूरी थी। कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे को देखते रहे फिर धीरे-धीरे करीब आ गए। भाईदूज के बाद खोजा जाएगा टाइगर टी-110
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बाघ विचरण क्षेत्र ज्यादा बड़ा होने व भगौलिक बसावट के कारण टीम को ट्रैकिंग के दौरान काफी दिक्कातों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद टीम पूरी मुस्तैदी से संभावित मार्ग पर बाघ की तलाश में जुटी रहती है। मुकुंदरा का नया सुल्तान बनेगा बाघ टी-110
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वन विभाग ने बाघ शिफ्टिंग के लिए 4 बाघों का चिन्हित किया था। इनमें से एक बाघ टी-113 को सरिस्का में शिफ्ट भी किया जा चुका है। इसके बाद मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ टी-110 को शिफ्ट किया जाना था। लेकिन विभाग ने एन वक्त पर शिफ्टिंग रोक दी थी। अब विभाग की ओर से एक बार फिर से मुकुंदरा में बाघ शिफ्ट करने की तैयारी की गई है। मुकुंदरा में बाघ लाने की तैयारी, बाघिन को मिलेगा हमसफर!
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मुकुंदरा में बाघ लाने की कोशिश लगातार जारी है। हाल ही में एनटीसीए की तकनीकी टीम ने टाइगर लाने की मौखित स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन लिखित स्वीकृति का इंतजार है। 