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Read More... असर खबर का : जलदाय विभाग सक्रिय, टूटी पेयजल लाइन की दुरुस्त, रात 2 बजे तक चला कार्य
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दैनिक नवज्योति में खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग सक्रिय हुआ। चंबल की गहराई से खींचते हैं पानी, 2 किमी दूर होता फिल्टर, तब घरों में पहुंचता है अमृत
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पानी को शुद्ध बनाने में बड़ी मेहनत लगती है, पानी का मोल समझें। सात साल में मात्र 40 हजार घरों तक पहुंची पीएनजी
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राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड कर रही शहर में पाइप से गैस पहुंचाने का काम। 500 घरों की बस्ती के लोग अमृत को तरस रहे
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हाल ही में केंद्र की योजना जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपए की लागत से दो पानी की टंकी तीन ट्यूबवेल मय मोटर तथा पाइपलाइन बिछाकर ग्राम पंचायत के अधीन संचालन के लिए दी गई थी। भीषण गर्मी में पानी को तरस रही 500 घरों की बस्ती
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मोहल्ले वासी परेशान हो रहे हैं वह भरी गर्मी में पानी के संकट से जूझ रहे हैं। अमृत योजना की डीपीआर पर लटकी तलवार
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योजना के तहत मौजूदा जल संयंत्रों की क्षमता को तो बढ़ा लिया गया लेकिन पर्याप्त पाइप लाइन नहीं होने के कारण पानी की सप्लाई नहीं की जा सकी। पांच साल में 20 हजार घरों तक ही पहुंची पीएनजी
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राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि शहर में शुरुआत में काम धीमी गति से हुआ था। लेकिन अब काम तेजी से किया जा रहा है। एक तरफ प्यासे कंठ, दूसरी तरफ अमृत की बर्बादी
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गर्मी के मौसम में एक और जहां लोगों को पीने का पर्याप्त पानी तक नहीं मिल पा रहा है। उनके कंठ सूख रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि पाइप लाइनें फूटने से अमृत रूपी हजारों लीटर पानी व्यर्थ सड़कों पर बह रहा है। 