देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन वाला डबल डेकर क्रूज उतारा झील में

अगले माह के अंत से शहरवासी उठा सकेंगे ओएसिस क्रूज में घूमने का लुत्फ, 5 करोड़ रुपए की आई लागत, पहला फ्लोर बनकर तैयार 

देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन वाला डबल डेकर क्रूज उतारा झील में

देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन वाला डबल डेकर क्रूज बुधवार रात झील में उतार दिया गया। इसके रूफ टॉप फ्लोर का काम पूरा होने के बाद अगस्त माह के अंत से शहरवासी और पर्यटक इस क्रूज में घूमने का लुत्फ उठा सकेंगे। इस क्रूज का नाम ओएसिस क्रूज लाइन रखा गया है। यह क्रूज लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। 

अजमेर। देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन वाला डबल डेकर क्रूज बुधवार रात झील में उतार दिया गया। इसके रूफ टॉप फ्लोर का काम पूरा होने के बाद अगस्त माह के अंत से शहरवासी और पर्यटक इस क्रूज में घूमने का लुत्फ उठा सकेंगे। इस क्रूज का नाम ओएसिस क्रूज लाइन रखा गया है। यह क्रूज लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। 
कम्पनी के प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह राव ने कहा कि यह राजस्थान का पहला डबल डेकर क्रूज है, जो झील में चलेगा। इसके अतिरिक्त यह देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन वाला क्रूज है। अब तक जो क्रूज झीलों व यह समुद्र में चल रहे हैं वे डीजल इंजन वाले हैं। इस क्रूज पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। साथ ही टिकट काउंटर के निकट ई-चार्जिंग स्टेशन भी बनाया जाएगा। कू्रज का पहला फ्लोर बनकर तैयार है। इसके ऊपर रूफ टॉप होगा। 

तैरते क्रूज में चलेगा रूफ टॉप व इंटीरियर का काम

पुष्कर रोड झील किनारे, जहां पिछले एक साल से क्रूज का निर्माण कार्य चल रहा था, वहां शेड की ऊंचाई कम होने के कारण रूफ टॉप तैयार करने में परेशानी आ रही थी। इसलिए इसे झील में उतारा गया है। रूफ टॉप का काम चल रहा है। इसके अतिक्ति क्रूज के इंटीरियर का काम भी जारी है। यह सभी काम अब झील में तैरते क्रूज में ही पूरे हो जाएंगे। क्रूज के सभी काम अगस्त अंत तक पूरे होने की संभावना है। इसके बाद इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा। 

दो टिकट काउंटर बनाए जाएंगे

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संचालन के लिए दो टिकट काउंटर बनाए जाएंगे। इनमें पहला टिकट काउंटर कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी मार्ग स्थित जेटी पर बनेगा और दूसरा रामप्रसाद घाट पर बनाया जाएगा। टिकट की दरें फिलहाल तय नहीं की गई हैं। 

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शहर के लिए कौतूहल का विषय बना

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शहर के लोग गुरुवार सुबह जब पाथ वे पर घूमने पहुंचे तो उन्हें दो मंजिला क्रूज झील में तैरता नजर आया। जल्द ही यह पूरे शहर के लिए कौतूहल का विषय बन गया। इसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लग गए। 

किशनगढ़ की फर्म को दस वर्ष के लिए दिया ठेका 

क्रूज के संचालन का ठेका नगर निगम ने किशनगढ़ की गीता मार्बल प्राइवेट लिमिटेड को दस वर्ष के लिए दिया है। इसके बाद पांच साल और ठेका अवधि बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए फर्म को नगर निगम को पहले साल 67 लाख रुपए का भुगतान करना होगा। इसके बाद इस राशि में प्रतिवर्ष 10 लाख की बढ़ोत्तरी की जाएगी। 

सुरक्षा के भी रहेंगे पूरे इंतजाम

सुरेन्द्र सिंह राव के अनुसार ओएसिस क्रूज पर सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम रहेंगे। क्रूज में हमेशा एक रेस्क्यू बोट रहेगी। इसके अलावा लाइव लाइफ जैकेट्स अन्य सुरक्षा संबंधी उपकरण भी रहेंगे। क्रूज में फायर फाइटिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। पूरे क्रूज में 16 सीसीटीवी कैमरे होंगे। जिसकी कमांड एंड कंट्रोलिंग क्रूज पर ही रहेगी। यह क्रूज पूरी तरह फाइबर से तैयार किया गया है। 

गोवा की कम्पनी ने किया है निर्माण

ओएसिस क्रूज का निर्माण गोवा की कम्पनी बोट क्राफ्ट कर रही है। यह कम्पनी याट, क्रूज और लग्जरी बोट इत्यादि के निर्माण के लिए जानी जाती है। कम्पनी के संचालक जॉन फर्नांडिज पिछले एक साल से उनके 20 कर्मचारियों के साथ इस क्रूज के निर्माण में जुटे हैं।

यह है ओएसिस क्रूज की खूबियां

-इसका शेप कैटामेरान है। कैटामेरान आयताकार क्रूज को कहते हैं। इसमें दोनोें तरफ इंजन लगे होते हैं। यह आम नौका की तरह नजर नहीं आता है। 
- क्रूज का पहला फ्लोर पूरी तरह एयर कंडीशंड है। इसकी लम्बाई 22 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है। 
- क्रूज में 150 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। प्रथम फ्लोर पर 75 और दूसरे फ्लोर पर 75 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।
-झील का पूरा चक्कर लगाने में क्रूज 45 मिनट का समय लेगा। इस अवधि में यात्री रेस्टोरेंट में खाने की चीजों का लुत्फ भी उठा सकेंगे।  
- रूफ टॉप पर छत होगी और चारों ओर खुला होगा। जहां यात्री खुली हवा का आनंद ले सकेंगे।
- डबल डेकर क्रूज के रूफ टॉप पर कैप्टन की केबिन होगी। कैप्टन इसी केबिन से क्रूज का संचालन करेंगे।
- दोनों फ्लोर पर किचन और रेस्टोरेंट्स होंगे। जहां यात्रियों को वेज स्नेक्स और सॉफ्ट ड्रिंक सर्व की जाएगी।
- दोनों फ्लोर पर म्यूजिक सिस्टम के साथ ही डिस्को फ्लोर भी होंगे।
- क्रूज को पार्टी के लिए भी बुक कराया जा सकेगा। 
- दोनों फ्लोर पर मेल और फिमेल के दो-दो बायो टॉयलेट होंगे। इसका वेस्ट डिस्चार्ज झील में नहीं किया जाएगा। 

सिटीजन काउंसिल के प्रयास लाए रंग

आनासागर झील में अगर शहरवासी क्रूज का आनंद उठा सकेंगे तो इसके पीछे सिटीजन काउंसिल के प्रयास हैं। सिटीजन काउंसिल के महासचिव दीनबंधु चौधरी के प्रयास से ही झील में क्रूज के संचालन की स्वीकृति मिल सकी। इससे पूर्व भी सिटीजन काउंसिल के प्रयास से ही आनासागर झील में बोट, वाटर स्कूटर इत्यादि का संचालन संभव हो सका। सिटीजन काउंसिल हमेशा से ही शहर के विकास को समर्पित एक संस्था है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट एलिवेटेड रोड इसकी संस्था के अथक प्रयासों की देन है। शहर में कैथलैब जैसी कई उपलब्धियां इस संस्था के खाते में दर्ज हैं। वर्ष 1987 में सिटीजन काउंसिल के महासचिव दीनबंधु चौधरी के नेतृत्व में झील की खुदाई का काम शुरू हुआ था। तब साढ़े तीन माह तक एक लाख लोगों ने झील की खुदाई कर 75 लाख घनफीट मिट्टी बाहर निकाली थी। इससे झील की जल संग्रहण क्षमता में 3 करोड़ 12 लाख गैलन की वृद्धि हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने झील में मिट्टी की खुदाई के काम का शुभारंभ किया था। इस काम की इतनी चर्चा हुई थी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी इसे देखने आए थे। कई नेता, अभिनेताओं ने अजमेर आकर झील की खुदाई के काम में हाथ बंटाया था। सिटीजन काउंसिल ने वर्ष 2002 में पुष्कर रोड स्थित विश्राम स्थली पर गौशाला संचालित की थी। जहां 3520 गाएं रखी गई थीं। जिनकी सारसंभाल पर प्रतिमाह लगभग 12 लाख रुपए खर्च होते थे। यह गौशाला लगभग नौ माह तक संचालित की गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व तत्कालीन राज्यपाल टीएन चतुर्वेदी सहित अन्य उच्च स्तरीय नेताओं ने शिविर का अवलोकन कर इसकी सराहना की। इस शिविर पर लगभग एक करोड़ रुपए व्यय हुआ था। यह सारी रकम डोनेशन से ही आई थी। सरकार से किसी भी प्रकार का अनुदान प्राप्त नहीं किया था। उल्लेखनीय है कि निरंजन आर्य उस समय अजमेर जिले के कलक्टर थे और उनके अथक सहयोग से ही यह सम्भव हो पाया था। 

 

 

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