वन विभाग का नवाचार, पहली बार तकनीक का प्रयोग : हरियाली के लिए अरावली की पहाड़ियों पर ड्रोन से फैंके जा रहे सीड
बॉल्सपहाड़ियों पर 16 प्रजाति के पौधे के बीज डाले जा रहे, एक हफ्ते में 500 हैक्टेयर एरिया होगा कवर
वन विभाग ने जिले में अरावली की पहाड़ियों को हराभरा करने के लिए नवाचार किया है
अजमेर। वन विभाग ने जिले में अरावली की पहाड़ियों को हराभरा करने के लिए नवाचार किया है। यहां ड्रोन के जरिए स्थानीय जलवायु के अनुकूल उगने वाले पौधों के सीड्स और सीड बॉल्स डाले जा रहे हैं। ये प्राकृतिक रूप से अंकुरित होकर पौधों का रूप लेंगे। वन मंडल के अधीन आने वाली सभी रेंज के जंगलों की पहाड़ियों पर सीड बॉल्स डाले जाएंगे। इससे करीब 500 हैक्टेयर एरिया कवर होगा। विभाग के लिए अरावली की पहाड़ियों पर पौधरोपण हमेशा चुनौतियों से भरा रहा है। क्योंकि ऊंचाई पर पौधरोपण के लिए बड़ी संख्या में मैन पावर नहीं है, साथ ही यह जोखिमों से भरा है। ऐसे में पहाड़ियों को सम्पूर्ण रूप से हराभरा करने के मंसूबे सफल नहीं हो पाते हैं। लेकिन इस बार विभाग ने नवाचार किया है। ठेके पर तीन ड्रोन व आॅपरेटर लिए हैं। ड्रोन के माध्यम से अरावली की पहाड़ियों पर सीड्स और सीड बॉल्स फैंके जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि अजमेर, ब्यावर, पुष्कर, किशनगढ़, सरवाड़ व नसीराबाद रेंज के जंगलों में करीब 500 हैक्टेयर पहाड़ी इलाकों को हराभरा किया जाएगा। इसमें करीब 8 से 10 दिन का समय लगेगा।
सूत्रों ने बताया कि अरावली की पहाड़ियों पर 16 प्रजाति के पौधे के बीज डाले जा रहे हैं। इसमें खेर, कुमठा, अमलताश, खाखरा, सीताफल, नीम, पीपल, रोंज, बेर, बहेडा, ढाक, करंज, खिरनी, अरिथा शामिल हैं। साथ ही करड़, थामन सहित एक अन्य घास की भी प्रजाति के बीज डाले जा रहे हैं।
अभियान का पुष्कर से आगाज
इसका उद्देश्य वन क्षेत्र में हरियाली के साथ उसके दायरे को भी बढ़ाना है। इससे पक्षी और कीट आकर्षित होते हैं। जिससे वन क्षेत्र में पारिस्थितिक तंत्र का और विकास होता है। वन विभाग ने इस अभियान की शुरुआत पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में ड्रोन से गुलाब के फूलों की बारिश कर की है। पुष्कर नाग पहाड़ी, किशनगढ़ के तोलामाला सहित अन्य अरावली की पहाड़ियों पर सीड्स एवं सीड्स बॉल्स फैंकी गई हंै। इसमें ड्रोन पायलट्स के साथ वनकार्मिकों की टीमें भी लगी हुई हैं। पहाड़यों पर विभिन्न घास के बीज भी गिराए जा रहे हैं।

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