संस्कृतियों का संगम स्थल बना पुष्कर : साफा बांधो प्रतियोगिता में 10 विदेशी युगल ने भाग लिया, अर्जेंटाइना का युगल विजेता
पंचतीर्थ स्नान के दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं का रेला
पुष्कर सरोवर में कार्तिक एकादशी के साथ शुरू हुए पंचतीर्थ स्नान के दूसरे दिन भी तीर्थ नगरी में श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी रहा। सोमवार को दिनभर मेलार्थियोें की खासी चहल-पहल रही। देशी के साथ विदेशी पर्यटक भी सरोवर का पूजन कर पुण्य कमा रहे है। श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान व ब्रह्मा मंदिर समेत मंदिरों के दर्शन कर पुण्य कमाने के साथ मेलेलुत्फ उठाया। मेले में ग्रामीण व विदेशी पर्यटकों की उमड़ रही भीड़ के चलते पुष्कर इन दिनों पूरब-पश्चिम की संस्कृति का संगम स्थल बना हुआ है।
पुष्कर। पुष्कर सरोवर में कार्तिक एकादशी के साथ शुरू हुए पंचतीर्थ स्नान के दूसरे दिन भी तीर्थ नगरी में श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी रहा। सोमवार को दिनभर मेलार्थियोें की खासी चहल-पहल रही। देशी के साथ विदेशी पर्यटक भी सरोवर का पूजन कर पुण्य कमा रहे है।
श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान व ब्रह्मा मंदिर समेत मंदिरों के दर्शन कर पुण्य कमाने के साथ मेलेलुत्फ उठाया। मेले में ग्रामीण व विदेशी पर्यटकों की उमड़ रही भीड़ के चलते पुष्कर इन दिनों पूरब-पश्चिम की संस्कृति का संगम स्थल बना हुआ है। विदेशी मेहमानों का तांता लगा हुआ है।
पवित्र पुष्कर सरोवर में साधु, संत महात्माओं द्वारा ब्रह्म चौदस के पवित्र मौके पर सोमवार को ब्रह्म मुहुर्त में शाही स्नान किया जाएगा।
शाही स्नान में सैन भक्ति पीठ के संस्थापक सैनाचार्य स्वामी अचलानंदाचार्य महाराज एवं रामरमैया आश्रम के संत प्रेमदास महाराज की अगुवाई में आश्रमों के संत, महात्मा, साधुओं व महंतों द्वारा सोमवार सुबह 7 बजे माधव नगर स्थित बाबा रामदेव आश्रम से बैण्ड बाजों के साथ शाही यात्रा आरंभ होगी जो संयास आश्रम, रामधाम, गायत्री शक्ति पीठ, गुरुद्वारा होते हुए सप्तऋषि घाट पहुंचेगी। जहां सैनाचार्य पुष्कर सरोवर का पूजन व अभिषेक कर शाही डूबकी लगाएंगे। उनके साथ साधु-संत भी सरोवर में स्नान करेंगे। पवित्र कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की वैकुण्ठ चतुदर्शी ब्रह्म चौदस के अवसर पर सोमवार को स्नान का विशेष महत्व होने से श्रद्धालु उमड़ेंगे।
विदेशी महिलाओं ने बांधे राजस्थानी साफे
पुष्कर मेले में सोमवार को विदेशी युगल की साफा बांधों प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसमें अलग-अलग देशों के 10 विदेशी युगल ने उत्साह से भाग लिया। इसमें विदेशी महिलाओं ने अपने साथी पुरूष के सिर पर राजस्थानी परंपरा के अनुसार साफा बांधे। प्रतियोगिता में अजेंर्िटना के कपल ने कम समय में सुंदर साफा बांध कर बाजी मारी। दूसरे स्थान पर रसिया व तीसरे स्थान पर कनाड़ा का युगल रहा। तीनों विजेता युगल को स्मृति चिह्न देकर पुरस्कृत किया गया।
राम सिंह ने जताई आपत्ति
मूंछ प्रतियोगिता शुरू होने के बाद आयोजक व निर्णायकों ने नए प्रतियोगियों को पुरस्कार जीतने का मौका देने के उद्देश्य से मेले में पूर्व में विजेता किसी भी प्रतियोगी को प्रतियोगिता में शामिल नहीं करने का निर्णय किया। इस पर पिछले साल के विजेता रहे पाली जिले के मेलावास निवासी राम सिंह राजपुरोहित ने आपत्ति जताई।
खास बात यह है कि इस निर्णय से पहले ही राम सिंह अपनी मूंछों का प्रदर्शन कर चुके थे। ज्ञात रहे कि राम सिंह ने अपनी मूंछों के दम पर पुष्कर ही नहीं बल्कि जैसलमेर, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, रणकपुर सहित अमूमन सभी पर्यटन मेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। इतना ही नहीं पुष्कर मेले में 13 बार पुरस्कार जीत चुके है। इनमें से 5 बार तो प्रथम स्थान पर रहे।
अजमेर के रावण सरकार ने लगाए ठहाके
अजमेर के मोहन सिंह उर्फ रावण सरकार ने अपनी मूंछों से तीर-बाण बना कर प्रदर्शन किया तथा रावण के अंदाज में जमकर ठहाके लगाते हुए देशी-विदेशी मेहमानों का मनोरंजन किया। इस बार उनके बेटे ने भी प्रतियोगिता में भाग लेकर मूंछों का प्रदर्शन किया।

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