एसपी अजमेर और गेगल थाना प्रभारी पर 10-10 हजार रुपए जुर्माना, कोर्ट ने एफएसएल रिपोर्ट देरी से पेश करने को बताया गंभीर लापरवाही
धारा 309 के तहत अभियोजन व पुलिस अधिकारियों पर कॉस्ट अधिरोपण उचित
अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 ने एफएसएल रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत नहीं करने पर जिला पुलिस अधीक्षक अजमेर और गेगल थाना प्रभारी सुनील बेड़ा पर 10-10 हजार रुपए दण्ड राशि अधिरोपित की है। कोर्ट ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट में देरी से अभियुक्त के अनुच्छेद 21 के तहत त्वरित विचारण के मौलिक अधिकार का हनन होता है।
अजमेर। अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 ने एफएसएल रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत नहीं करने पर जिला पुलिस अधीक्षक अजमेर और गेगल थाना प्रभारी सुनील बेड़ा पर 10-10 हजार रुपए दण्ड राशि अधिरोपित की है। कोर्ट ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट में देरी से अभियुक्त के अनुच्छेद 21 के तहत त्वरित विचारण के मौलिक अधिकार का हनन होता है। यह गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है, जिसके लिए राज्य जिम्मेदार है। कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय आकाश बनाम राजस्थान राज्य का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सीआरपीसी की धारा 309 के तहत अभियोजन व पुलिस अधिकारियों पर कॉस्ट अधिरोपण उचित है।
यह है मामला: गेगल थाने में मार्च 2023 में हामिद नामक व्यक्ति पर बीरबल व उसके सहयोगियों द्वारा एकराय होकर सामूहिक रूप से हथियारों से हमला करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें हामिद की नाक हथियार के हमले से कट गई थी। इस संबंध में अदालत ने एफएसएल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। जो समय पर न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की थी।

Comment List