एटीएस-एनटीएफ का शिकंजा : अनोखे नाम वाले ऑपरेशन से बदमाशों की धर-पकड़, वर्षो से फरार शातिरों की उड़ी नींद
गुप्त ऑपरेशन के रहस्यमयी नाम
अपराधी चाहे कितना भी चालाक हो या वषोंर् से फरार, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता। प्रदेश में एटीएस और एएनटीएफ ने इसे फिर साबित किया है। अपराध और अपराधियों की नई चालों को मात देने के लिए अब एटीएस और एएनटीएफ ने एक ऐसा अनोखा तरीका अपनाया है, जो एक मिसाल बन रही है।
जयपुर। अपराधी चाहे कितना भी चालाक हो या वर्षो से फरार, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता। प्रदेश में एटीएस और एएनटीएफ ने इसे फिर साबित किया है। अपराध और अपराधियों की नई चालों को मात देने के लिए अब एटीएस और एएनटीएफ ने एक ऐसा अनोखा तरीका अपनाया है, जो एक मिसाल बन रही है। अजब नामों वाले गुप्त ऑपरेशन, मगर काम इतने घातक कि वर्षो से फरार शातिरों की नींद उड़ी हुई है। आईजी विकास कुमार के निर्देशन में अपराधियों को भ्रमित करने और सूचना लीक होने से रोकने के लिए एजेंसियों ने ऑपरेशन के बेहद रहस्यमय और असामान्य नाम अपनाए हैं।
इन ऑपरेशनों के नाम टटपूंजिया, मदराघव, मरूद्रग, गांजनेय, कटुरागिनी, जिसमन्ना और ज्ञानीगंज सुनने में भले अजीब लगें लेकिन इनकी आड़ में ऐसी खुफिया रणनीतियां छिपी होती हैं, जिनसे अपराधी समझ ही नहीं पाते कि उन पर कब, कहां और कैसे घेरा कस गया।
किसके लिए कौनसा ऑपरेशन चला
15 हजार रुपए के इनामी लाभचंद, 10 हजार के इनामी बाबूलाल, 25 हजार के इनामी गोपाल, 25 हजार के इनामी अकबर, 25 हजार रुपए का इनामी अजय सिंह, 20 हजार रुपए के इनामी हेमरत्न को पकड़ने के लिए ऑपरेशन टटपूंजिया, 25 हजार रुपए की इनामी संगीता के लिए कटुरागिनी, 25 हजार के इनामी शैलेन्द्र सिंह के लिए देवी लॉयन, 25 हजार रुपए के ऋषिराज के लिए टंडन, 20 हजार के आरिफ के लिए ज्ञानीगंज, 25 हजार के इनामी श्रीराम के लिए मदराघव, 25 हजार के इनामी शंकर के लिए मरूद्रग, 25 हजार के इनामी बजरंग के लिए गांजनेय समेत अन्य ऑपरेशन चलाए गए।
इसलिए रखे जा रहे रहस्यमयी नाम
खुफिया सूचनाओं का लीकेज रोकने का बेहतरीन तरीका
ऑपरेशन की गोपनीयता बढ़ती है
अपराधियों की निगरानी और लोकेशन ट्रेसिंग में आसानी
टीमों की कॉर्डिनेशन रणनीति मजबूत होती है
कोड नाम से ऑपरेशन की दिशा का अंदाजा लगाना अपराधियों के लिए नामुमकिन
इनका कहना है
नाम भले अजीब हों लेकिन ये ऑपरेशन अपराधियों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुके हैं। अपराध कितना भी पुराना, अपराधी कितना भी शातिर हो आखिरकार पकड़ा ही जाता है। एटीएस-एएनटीएफ का यह नया तरीका प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बना रहा है और अपराधियों को साफ संदेश दे रहा है छुपो जितना छुप सकते हो कानून तुम्हें ढूंढ ही लेता है।
-विकास कुमार, आईजी एटीएस-एएनटीएफ

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