कपड़े फटे, एक का सिर फूटा, पुलिस ने दोनों पक्षों को मंदिर से बाहर निकाल हालात को संभाला 

पुष्कर में मेघवंश महासभा की आमसभा बनी अखाड़ा

कपड़े फटे, एक का सिर फूटा, पुलिस ने दोनों पक्षों को मंदिर से बाहर निकाल हालात को संभाला 

उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष जयपाल ने रविवार सुबह 11 बजे रामदेव मंदिर में समाज की आमसभा रखी।

पुष्कर। अखिल मेघवंश महासभा संस्थान की रविवार को पुष्कर के बाबा रामदेव मंदिर में आयोजित आमसभा में समाज के दो गुटों में जोरदार घमासान हो गया। महासभा अध्यक्ष डॉ. राजकुमार जयपाल की ओर से बुलाई गई आमसभा का महासचिव महेंद्र परिहार के नेतृत्व में समाज के गुट ने जमकर विरोध किया । पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में लात-घूसे चलने से विरोधी गुट के विजेंदर नामक युवक के सिर पर गहरी चोट लगी, खून निकल आया, कुछ लोगों के कपड़े फट गए जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। विवाद बढ़ता देख डीएसपी एवं सीआई ने दोनों पक्षों से समझाइश कर मंदिर से बाहर निकाल कर मामला शांत किया। हालांकि दोनों पक्षों में अभी भी गतिरोध बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष जयपाल ने रविवार सुबह 11 बजे रामदेव मंदिर में समाज की आमसभा रखी। बड़ी संख्या में समाज बंधु सभा में भाग लेने के लिए मंदिर पहुंचे। इसी समय महासचिव महेंद्र परिहार के नेतृत्व में विरोधी गुट आमसभा का विरोध करने के लिए मंदिर पहुंचा।

संस्थान की बैठक शुरू होते ही दोनोंं ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया। दोपहर 12.30 बजे तक स्थिति बिगड़ने लगी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। धक्का-मुक्की के साथ ही माहौल तनावपूर्ण हो गया। मौके पर मौजूद सीमित पुलिस बल ने दोनों गुटों को अलग करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ती देख पुलिस उप अधीक्षक ग्रामीण रामचंद्र चौधरी और सीआई विक्रम सिंह जाप्ते के साथ पहुंचे और दोनों पक्षों से समझाइश की। अंतत: मंदिर परिसर में मौजूद दोंनोंं पक्षों के लोगोंं को पुलिस ने धकेल कर खाली कराया।

दोनों के अपने अपने तर्क
अध्यक्ष, अखिल मेघवंश महासभा संस्थान, पुष्कर डॉ. राजकुमार जयपाल ने कहा कि यह कोई बड़ा विवाद नहीं है, परिवार के दो भाइयों में मतभेद जैसा मामला है। जल्द ही बैठक कर सभी विवाद सुलझा लिए जाएंगे। आमसभा में कार्यकारिणी विस्तार किया गया है और 10 फरवरी को समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन करने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए हैं। वहीं महासचिव महेन्द्र परिहार ने कहा कि हमने 17 अगस्त को संवैधानिक रूप से आमसभाकी थी। इसके बावजूद डॉ. जयपाल ने 31 अगस्त को अवैध रूप से सभा बुलाई। डॉ. जयपाल ने समाज में बिखराव व गतिरोध पैदान करने के लिए आमसभा की है।

समाज में दो फाड़ है। दोनों पक्षों में नारेबाजी हुई थी। समझाइश कर मामला शांत करा दिया गया है।
-रामचंद्र चौधरी, डीएसपी, अजमेर ग्रामीण।

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