आषाढ़ में लगी सावन सी झड़ी...
कोटपूतली में सड़कें पानी से लबालब, जोहड़ की समस्या नासूर बनी, स्थानीय नागरिकों का जीवन बना नरक
भीषण गर्मी के मौसम के बीच आई बारिश से जहां एक ओर क्षेत्रवासी राहत महसूस कर रहे हैं तो वहीं कस्बे के फौजावाली-अमरपुरा, नई कोठी व हाऊसिंग बोर्ड समेत आसपास के नागरिकों के लिए वार्ड नं. 4 स्थित ईटली वाली ढ़ाणी के लोगों के लिए यह बारिश पुन: परेशानी का सबब लेकर आई है।
कोटपूतली। भीषण गर्मी के मौसम के बीच आई बारिश से जहां एक ओर क्षेत्रवासी राहत महसूस कर रहे हैं तो वहीं कस्बे के फौजावाली-अमरपुरा, नई कोठी व हाऊसिंग बोर्ड समेत आसपास के नागरिकों के लिए वार्ड नं. 4 स्थित ईटली वाली ढ़ाणी के लोगों के लिए यह बारिश पुन: परेशानी का सबब लेकर आई है। मौसम की पहली ही बारिश में पानी से लबालब हुआ ईटली वाला जोहड़ अब स्थानीय नागरिकों के लिए नासूर बन चुका है। जिसने उनके जीवन को नरक बना दिया है। शनिवार व रविवार को हुई बारिश से जोहड़ शहर के गंदे पानी से एक बार फिर लबालब होकर गंदा पानी उक्त आम रास्तों पर जमा हो चुका है। जिससे स्थानीय नागरिकों को आवागमन के साथ-साथ गंदे पानी से उठने वाली दुर्गन्ध के कारण लोगों का जीवन दूभर हो गया है। राजमार्ग के सिक्स लेन विस्तारीकरण के बाद उभरी इस समस्या का स्थाई समाधान तमाम प्रयासों के बावजूद भी नहीं निकल पा रहा है। शहर के बीचों बीच से राजमार्ग के निकलने के बाद पानी का ढलान उक्त क्षेत्र में होने के कारण लगभग आधे शहर का गंदा पानी ईटली वाले जोहड़ में जमा होता है। जिसकी निकासी के लिए अभी तक किए गए सभी प्रयास विफल हुए है। स्थानीय नागरिकों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ राज्य व केन्द्र सरकार तक गुहार लगाई है। लेकिन फिर भी स्थानीय समाधान ना होने के कारण हजारों लोगों को प्रतिदिन परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। क्षेत्रीय विधायक व गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव के प्रयासों से राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त फण्ड भी जारी किया गया था। जिससे नगर पालिका मंडल कोटपूतली द्वारा करोड़ों रुपयों की लागत से पाईप लाइन बिछाकर व मोटर लगाकर समस्या के समाधान के प्रयास किए गए। परन्तु ओवरफ्लो जल भराव व तकनीकी समस्याओं की वजह से इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला एवं उक्त परियोजना विफल सिद्ध हुई। ईटली वाले जोहड़ की समस्या का स्थाई समाधान केवल कस्बे में सीवरेज लाईन का निर्माण ही है। कोटपूतली के लिए सीवरेज लाईन को राज्य सरकार द्वारा हाल ही के बजट में स्वीकृत भी किया जा चुका है, लेकिन दो चरणों में बनने वाली सीवरेज लाईन को पहले मुख्य कस्बे की ओर बनाया जाएगा। जिसका कार्य शुरू होने में भी काफी वक्त लग सकता है। ऐसे में द्वितीय चरण का काम कब शुरू होगा यह तो वक्त ही बताएगा। सीवरेज लाईन के द्वारा ईटली के जोहड़ के पानी की निकासी में वर्षों का वक्त लग सकता है।
बारिश से किसानों से खिले चेहरे, गर्मी से राहत
प्रागपुरा। कस्बे सहित आसपास गांवों में शनिवार से शुरू हुआ बारिश का दौर रविवार को रूक रूककर दिनभर जारी रहा। लगातार बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे और भीषण गर्मी से परेशान लोगों ने राहत महसूस की। रविवार को लगातार 4 घंटे मध्यम गति से हुई बारिश ने सावन मास का नजारा पेश किया। बारिश के बाद किसानों ने खेतों में पहुंचकर फसल बुआई की तैयारी शुरु कर दी। शनिवार व रविवार को दो दिनों में 50 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। जानकारी देते हुए पावटा वर्षा मापी केन्द्र प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि शनिवार को 37 एमएम व रविवार को 13 एमएम बारिश हुई। इधर पावटा प्रागपुरा नगर पालिका प्रशासन ने बारिश से पूर्व नालों की सफाई नहीं करवा पाने व कई मोहल्लों में बारिश का पानी भर जाने से आमजन को तकलीफ हुई। इसी प्रकार राष्टÑीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राजमार्ग के दोनों किनारों पर बने नालों की सफाई नहीं करवा पाने से मुख्य राजमार्ग सहित सर्विस लेन में पानी भर गया। सर्विस लेन में पानी भरने से यहां कार्यरत दुकानदारों को विशेष असुविधा हुई।
नरैना में हुई35 एमएम बारिश
नरैना। श्री रामपुरा पंचायत के मोरुंदा ग्राम में पहली बरसात में ही जलमग्न हो गया। वहीं ठेकेदारों की भी पोल खुल गई। गांव में बनी सड़कों के ऊंचा नहीं होने के कारण घरों में पानी घुस गया। बिरधीचंद ने बताया कि गांव में पानी की निकासी नहीं होने के कारण बारिश का पानी घरों में घुस जाता है। जिसके चलते ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। फुलेरा विधायक व सांभर एसडीएम को पत्र लिखकर पानी निकासी की मांग की थी परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सांभरलेक तहसीलदार हरिसिंह राव ने बताया कि रविवार सुबह से शाम 5:00 बजे तक सांभरलेक में 35, फुलेरा में 48 और नरैना में 35 एमएम बारिश दर्ज की गई है।

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