सड़क तो है पर बस नहीं, ग्रामीणों की रोजमर्रा की मुश्किलें बढ़ी, यात्री लोडिंग वाहनों में सफर करने को मजबूर
ग्रामीण अंचल में बस सेवा का अभाव
यातायात सुविधा की कमी के कारण न केवल लोगों को परेशानी हो रही है।
राजपुर। आदिवासी अंचल के कई ग्राम पंचायतों में आज भी यातायात व्यवस्था बेहद अव्यवस्थित है। वर्षों से ग्रामीणों को परिवहन सुविधा के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी रोडवेज और निजी बसों की कमी के कारण लोग अब भी लोडिंग वाहनों में सफर करने को मजबूर हैं। इससे यात्रियों की सुरक्षा पर संकट बना हुआ है और दुर्घटनाओं की संभावना लगातार बढ़ रही है। ग्राम पंचायत बीलखेड़ा, राजपुर, अरोली, पाटन, गणेशपुरा, भोयल, कस्बा नोनेरा, बेहटा, आगर सहित आसपास के क्षेत्रों में रोडवेज बस सेवा लंबे समय से बंद है।
बीलखेड़ा से बारां चलने वाली बस बंद हो चुकी है, जबकि राजपुर से कोटा के बीच संचालित बस सेवा भी दशकों से ठप पड़ी है। इस कारण ग्रामीणों को जिला मुख्यालय बारां या शाहाबाद उपखंड मुख्यालय जाने के लिए निजी साधनों या लोडिंग वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि यातायात सुविधा की कमी के कारण न केवल लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि विकास की गति भी थम गई है। बीमार व्यक्तियों, विद्यार्थियों, नौकरीपेशा लोगों और महिलाओं को सबसे अधिक कठिनाई झेलनी पड़ती है। छात्र-छात्राओं को स्कूल और कॉलेज जाने के लिए सुबह-सुबह ट्रैक्टर ट्रॉली या पिकअप में सफर करना पड़ता है, जो बेहद जोखिमभरा है। ग्रामीण भारत सिंह, मोहन सिंह, कल्याण मेहता, ओमप्रकाश शर्मा, घनश्याम सेन और बद्री प्रसाद ने बताया कि परिवहन विभाग और जिला प्रशासन को कई बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक नियमित रोडवेज बस सेवा शुरू होनी चाहिए ताकि लोगों को सुरक्षित और सुलभ परिवहन सुविधा मिल सके। ग्रामीणों का मानना है कि बस सेवा शुरू होने से ओवरलोडिंग वाहनों में सफर करने की मजबूरी खत्म होगी और सड़क सुरक्षा नियमों की अवहेलना में भी कमी आएगी। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की मांग की है।
इनका कहना है
ग्रामीणों को आज भी परिवहन की मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही है। बस सेवा शुरू होने से न केवल लोगों को राहत मिलेगी बल्कि ग्रामीण इलाकों का विकास भी गति पकड़ेगा।
- अरविंद शर्मा, एडवोकेट।
ग्रामीण बस सेवा जिला मुख्यालय से ग्राम पंचायत मुख्यालय तक संचालित की जानी चाहिए। इससे यात्रियों को अवैध लोडिंग वाहनों में सफर करने से निजात मिलेगी और क्षेत्र की कनेक्टिविटी से विकास में तेजी आएगी।
- अरुण बंसल, सामाजिक कार्यकर्ता।
ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का संचालन नहीं होने से लोग मजबूरी में ओवरलोडिंग वाहनों में सफर कर रहे हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा हरदम बना रहता है। प्रशासन को तुरंत बस सेवा शुरू करनी चाहिए।
- अरुण कुमार बंसल, ग्रामीण।
जो बसें पहले चलती थीं, अगर वे बंद हो गई हैं तो इस मामले में डिपो प्रबंधक से बात की जाएगी। साथ ही यातायात मंत्री प्रेमचंद बेरवा को भी ग्रामीण बस सेवा शुरू करवाने के लिए पत्र लिखा जाएगा।
- डॉ. ललित मीणा, विधायक।

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