फरवरी माह में अधिक गर्मी से फसलों के उत्पादन में होगी कमी

5 प्रतिशत उत्पादन गिरने की संभावना

फरवरी माह में अधिक गर्मी से फसलों के उत्पादन में होगी कमी

अचानक बढ़े हुए तापमान के कारण फसल समय से पूर्व पकने को तैयार है। इसके कारण फसल का पूरा विकास नहीं होने से पैदावार पर इसका असर साफ साफ पड़ता दिखाई दे रहा है।

बून्दी। इस साल फ रवरी में तेज गर्मी के चलते फसलों का उत्पादन प्रभावित रहने की संभावना है। काश्तकार भी चिंतित है। आमतौर पर फरवरी माह में जहां अधिकतम तापमान 30 के आसपास ही रहता है लेकिन सालों बाद इस साल अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्यियस तक पहुंच गया। तापमान में कमी रहने वाले समय में अचानक तेजी आने से फसलों के उत्पादन पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। खेतों में किसानों द्वारा सरसों की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है कहीं कहीं पर कटाई की तैयारी चल रही है। साथ ही गेहूं की फसल भी पकने की तैयारी में है।  लेकिन अचानक बढ़े हुए तापमान के कारण फसल समय से पूर्व पकने को तैयार है। इसके कारण फसल का पूरा विकास नहीं होने से पैदावार पर इसका असर साफ  साफ  पड़ता दिखाई दे रहा है। गर्मी का दौर इसी तरह जारी रहा तो उत्पादन में गिरावट आ सकती है। 

50 क्विंटल के बजाय 40 क्विंटल ही होगी उपज
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ हरिश चन्द्र वर्मा का कहना हैं कि मौसम में हो रहे बदलाव पर सभी वैज्ञानिक नजर बनाए हुए हैं और निरन्तर फसलों की उपज का आंकलन कर रहे है। जहां 50 क्ंिवटल उपज के स्थान पर वर्तमान में 40 से 42 क्विंटल उपज प्राप्त होगी। वहीं सरसों की फसल में भी दानों में तेल की मात्रा में 2 से 5 प्रतिशत गिरावट आने की संभावना बताई गई है।

फसल की उत्पादन प्रक्रिया और जल की उपलब्धता पर पड़ेगा प्रभाव
भूगोल के सहायक आचार्य डॉ भारतेन्दु ने बताया कि तापमान बढ़ने पानी के वाष्पीकरण की गति बढ़ती है। जिससे खेतों में पानी की उपलब्धता फसलों के लिए कम रह जाने से पौधों को सूखे का सामना करना पड़ता है। वहीं तापमान बढ़ने से मृदा में बदलाव आता है, मृदा से कार्बन डाइआॅक्साइड ज्यादा उत्सर्जित होने से हम ग्लोबल वार्मिंग की ओर तेजी से बढ़ते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ट वैज्ञानिक डॉ हरिश चन्द्र वर्मा के अनुसार फसलों के लिए तापमान केंद्र बिंदु होता है। नॉर्मल तापमान से कम या अधिक तापमान होने पर फसल के पैदावार की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसके परिणामस्वरूप जहां फसल की गुणवत्ता में कमी आती है, वहीं तापमान बढ़ने से ह्यूमिडिटी भी बढ़ जाती हैं जिससे फसलों में लगने वाली बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ता है और फसलों में कीड़े लग जाते हैं। 

किसानों का क्या है कहना
अंथडा के युवा किसान चन्द्रप्रकाश नागरए बडून्दा के कृष्ण नारायण शर्मा, बागदा के चेतराम जाट तथा जैविक खेती से जुड़े प्रहलाद नागर का साफ साफ  कहना हैं कि बढ़ते तापमान ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया हैं। जल्दी लावणी आने से गेंहू की उपज में बडी गिरावट देखने को मिलेगी। साथ ही सरसों, धनियां, मसूर और चने में भी कमी रहेगी। फरवरी में तापमान बढ़ने से गेहूं के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। गेहूं के दाने पूरी तरह से फू ल नहीं पाने और हल्के रह जाने से उत्पादन कम होने की संभावना हैं। पहले ही बैमोसम बारिश ने हाल बेहाल किया हुआ था। अब तेज गर्मी ने समस्या खड़ी कर रखी है।
चन्द्रप्रकाश नागर, युवा किसान अंथड़ा

Read More राजस्थान की बावड़ियों का होगा संरक्षण; शिल्प ग्राम बनेगा लोक कलाओं का नया केंद्र : उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी

गर्मी ने सरसों की दोनों फ सलों को नुकसान पहुंचाया। जल्द पकने से सरसों व गेहूं का दाना स्वाद, गुणवत्ता, आकार और वजन में कमजोर रहेगा। बारिश से फसल को नुकसान होने के बाद अब अधिक तापमान से गेहूं की फसल प्रभावित हो रही है। गेहूं खरीद को लेकर हमारी मांग है कि किसानों से पूरा गेहूं खरीदना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही खरीद केंद्रों पर किसानों को नमी आदि के नाम पर परेशान न किया जाए।
प्रहलाद नागर, जैविक किसान, भारतीय किसान संघ

Read More कांग्रेस की ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली : जयपुर से 4 हजार कार्यकर्ता जाएंगे दिल्ली महारैली में, राहुल गांधी की मुहिम को मिलेगा बड़ा समर्थन

तापमान बढ़ने का एक फायदा यह भी मानसून के साथ बारिश भी अधिक होगी। लेकिन तापमान अधिक होने से फसलों में उत्पादन की प्रक्रिया में भी बदलाव होता है। जैसे कोई पौधा 40 दिन में तैयार होने वाली पौध तापमान ज्यादा हो जाने के चलते 30 दिन में ही तैयार होगी तो फसल की गुणवत्ता व उपज में कमी रहेगी।
डॉ. हरिश वर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, बून्दी

Read More आदिवासी इलाकों में जानबूझकर उपेक्षित व्यवहार कर रही सरकार : गहलोत

Post Comment

Comment List

Latest News

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में केवल बीएस-4 या उससे ऊपर मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे। बीएस-3...
भारत–अर्जेंटीना कृषि सहयोग को नई मजबूती, कार्य योजना 2025-2027 पर किये हस्ताक्षर
मोदी के नेतृत्व एवं भजनलाल की मेहनत से राजस्थान कर रहा है विकास के नए आयाम स्थापित:​ डिप्टी सीएम दियाकुमारी
रेलयात्री कृपया ध्यान दें...लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा एलान, ज्यादा सामान ले जाने पर देना होगा इतना शुल्क, जानें पूरा मामला
बुकिंग शुरू होते ही टाटा सिएरा ने बाज़ार में मचाया तहलका: पहले ही दिन 70,000 से ज्यादा ऑर्डर कन्फर्म
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु वेल्लोर दौरे पर, श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर में किए दर्शन
गुणवत्ता में  5 दवाएं, एक मेडिकल प्रोडक्ट फैल, बेचने पर रोक लगाई