स्वराज बचाओ रैली में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ता, निकाय और पंचायती राज चुनाव टालने पर सरकार को घेरा
कार्यकर्ताओं का संबोधन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर प्रारंभ हुआ
राजस्थान में पिछले एक वर्ष से नगर निकाय और पंचायती राज चुनाव लंबित चल रहे हैं। भाजपा सरकार द्वारा चुनाव न कराने को लेकर विपक्ष हमलावर है
जयपुर। राजस्थान में पिछले एक वर्ष से नगर निकाय और पंचायती राज चुनाव लंबित चल रहे हैं। भाजपा सरकार द्वारा चुनाव न कराने को लेकर विपक्ष हमलावर है। इसी मुद्दे पर राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के बैनर तले बुधवार सुबह 11 बजे से “स्वराज बचाओ रैली” का आयोजन किया गया।
रैली की शुरुआत कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से हुई, जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्र हुए। कार्यकर्ताओं ने सरकार पर संवैधानिक प्रावधानों को ठेस पहुँचाने और लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि चुनाव टालना जनता की भागीदारी पर कुठाराघात है और इससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है।
कार्यकर्ताओं का संबोधन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर प्रारंभ हुआ। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। पंचायत और नगर निकाय जनता की समस्याओं के समाधान के सबसे नजदीकी मंच हैं, ऐसे में चुनाव रोकना जनता की आवाज़ दबाने जैसा है।
रैली स्थल पर धीरे-धीरे लोगों की भीड़ बढ़ती गई और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए। हाथों में झंडे और बैनर लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। “लोकतंत्र बचाओ” और “चुनाव कराओ” जैसे नारे वातावरण में गूंज उठे। संगठन पदाधिकारियों ने ऐलान किया कि जब तक निकाय और पंचायती राज चुनाव की तिथि घोषित नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका कहना था कि लोकतंत्र की रक्षा और जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना ही इस रैली का मुख्य उद्देश्य है।

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