वैलेंटाइन-डे स्पेशल : प्रदेश के पावर कपल्स के यादगार प्रेम विवाह

वैलेंटाइन-डे स्पेशल : प्रदेश के पावर कपल्स के यादगार प्रेम विवाह

दुनियाभर में आज वेलेंटाइन डे मनाया जा रहा है। वेलेंटाइन डे यानि प्यार का दिन पूरी तरह विश्वास और कमिटमेन्ट पर टिका हुआ है। राजस्थान के आईएएस, आईपीएस एवं आईआरएस सेवा में कुछ ऐसे पावर कपल्स भी हैं, जिन्होंने प्रेम विवाह किया और वे समाज के लिए मिसाल बने।

जयपुर। दुनियाभर में आज वेलेंटाइन डे मनाया जा रहा है। वेलेंटाइन डे यानि प्यार का दिन पूरी तरह विश्वास और कमिटमेन्ट पर टिका हुआ है। राजस्थान के आईएएस, आईपीएस एवं आईआरएस सेवा में कुछ ऐसे पावर कपल्स भी हैं, जिन्होंने प्रेम विवाह किया और वे समाज के लिए मिसाल बने।

मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान हुई मुलाकात पति-पत्नी दोनों डीआईजी

आईपीएस डॉ. विकास पाठक और उनकी पत्नी प्रीति चंद्रा दोनों डीआईजी हैं। डॉ. विकास कहते हैं कि हम दोनों बैचमेट थे, मेरी और प्रीति की पहली मुलाकात मसूरी में हुई थी। विकास का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती 1981 में और प्रीति चन्द्रा का सीकर के कुंदन गांव में 1979 में हुआ। वे बताते हैं कि टेÑनिंग के दौरान मित्रता कब प्यार में बदली ये पता ही नहीं चला। हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान ही हमारी सगाई हो गई। 2009 में हमारी शादी हो गई। डॉ. विकास कहते हैं कि जिन्दगी बेहद खूबसूरत है। हम दोनों बेहद व्यस्त रहते हैं, लेकिन एक-दूसरे के लिए पूरा समय रखते हैं।

नागपुर में ट्रेनिंग में ही हो गया था प्यार
दिल्ली इनकम टेक्स विभाग में एडीजी संजीव सिंह एवं उनकी पत्नी रिचा खोड़ा कमिश्नर अपील में कार्यरत हैं। संजीव कहते हैं कि नागपुर में ट्रेनिंग के दौरान ही जब हम मिले थे तो मुझे लग गया था कि रिचा मेरे लिए ही बनी है। एक दिन मैंने रिचा को इजहारे मोहब्बत किया। हालांकि मैं राजपूत हूं और रिचा मीणा जाति से हैं, लेकिन मैंने कभी जाति-पाति में विश्वास नहीं किया। हमारे घरवालों ने भी मामूली ऐतराज जताया और हमारे रिश्ते के लिए हामी भर दी। पिछले साल ही हमने शादी की 25वीं वर्षगांठ उत्तराखंड के पहाड़ों में मनाई है। मुझे लगता है कि रिचा जैसा पार्टनर मिलना मेरे लिए एक सौगात है।

अद्भुत है श्रुति भारद्वाज और एलसी असवाल की प्रेम कहानी

पूर्व आईएएस एलसी असवाल और वरिष्ठ आरएएस श्रुति भारद्वाज की प्रेम कहानी में कई टविस्ट एवं टर्न आए, लेकिन अन्तत: दोनों का एक-दूसरे के प्रति कमिटमेन्ट और समर्पण सभी बाधाओं को पार करने में सफल रहा। श्रुति कहती हैं कि मेरी पहली पोस्टिंग कलक्ट्रेट में अस्सिटेंट कलक्टर के पद पर बतौर ट्रेनर हुई थी। तब असवाल कलक्ट्रेट में एडीएम थे। मुझे इन्होंने प्रपोज किया था और मैंने हां, कहने में सालभर का समय लगा दिया। हालांकि हम दोनों के घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे, और मैं उनसे 12 साल छोटी थी, लेकिन एक-दूसरे के प्रति प्रेम को देखकर आखिरकार घरवालों को भी मानना पड़ा। श्रुति कहती हैं कि हमारी शादी 14 फरवरी, 1997 में हुई थी।

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