रावण पर राम से पहले इन्द्र का कहर : बारिश ने बिगाड़ा दशहरे का रंग, जयपुर में भीगे रावण के पुतले
बारिश के बाद पुतले बेचने वाले भी मायूस
शहर के खुले मैदानों और मोहल्लों में लगे पुतले बारिश के कारण झुक गए या गीले होकर फटने गए।
जयपुर। राजधानी में मंगलवार शाम को हुई अचानक बारिश ने दशहरे की तैयारियों पर पानी फेर दिया। शहर के कई इलाकों में जगह-जगह खड़े किए जा रहे रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले भीग गए। पुतला बनाने वाले कलाकारों का कहना है कि कई दिनों की मेहनत से तैयार किए गए पुतलों को बारिश से नुकसान पहुंचा है। पुतलों का कागज और रंग फीका पड़ गया, जिससे आयोजकों को अब इन्हें दोबारा दुरुस्त करना पड़ेगा। शहर के खुले मैदानों और मोहल्लों में लगे पुतले बारिश के कारण झुक गए या गीले होकर फटने गए।
हालांकि आयोजकों का कहना है कि वे समय रहते पुतलों को फिर से सजाकर दशहरा उत्सव मनाने की तैयारी करेंगे। बारिश से बच्चों और दर्शकों में मायूसी जरूर छाई, लेकिन आयोजकों का कहना है कि रावण भले भीग गया हो, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व पूरे उत्साह से मनाया जाएगा। बारिश के बाद पुतले बेचने वाले भी मायूस हैं। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास पुतले पानी में बह गए, जिससे उनको बनाने वालों को भारी नुकसान हुआ।

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