लोकसभा चुनाव : भाजपा की सात मार्च को आ सकती है दूसरी सूची
शेष प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा नहीं हुई
समिति की बैठक में राजस्थान के शेष प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा नहीं हुई तो फिर 15 मार्च के करीब आगामी बैठक में नामों की घोषणा होगी।
जयपुर। राजस्थान में भाजपा ने 25 लोकसभा सीटों में से 15 सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिए हैं। अब 10 सीटें बची हैं। जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आगामी 6 मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होना प्रस्तावित है, जिसमें अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी का फैसला हो सकता है। हालांकि बताया जा रहा है कि समिति की बैठक में राजस्थान के शेष प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा नहीं हुई तो फिर 15 मार्च के करीब आगामी बैठक में नामों की घोषणा होगी।
जिस जाति का दबदबा, उसी को टिकट पर रहेगा जोर
प्रदेश में बची दस सीटों में से जयपुर ग्रामीण और राजमसंद सीटों के सांसद क्रमश: राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दीया कुमारी विधायक का चुनाव लड़कर अब सरकार में शामिल हैं। इन दोनों सीटों पर नए चेहरे आएंगे। जयपुर ग्रामीण में ब्राह्मण, जाट, राजपूत और राजसमंद में राजपूत चेहरे को ही टिकट तय माना जा रहा है। वहीं जयपुर शहर में ब्राह्मण-वैश्य, टोंक-सवाईमाधोपुर में गुर्जर-मीणा, अजमेर में जाट-गुर्जर, भीलवाड़ा में वैश्य-ब्राह्मण, झुंझुनूं में जाट वर्ग के चेहरे को ही टिकट मिलना लगभग तय है। वहीं दौसा, श्रीगंगानगर, करौली-धौलपुर आरक्षित सीटों में से दौसा में जसकौर मीणा, श्रीगंगानगर में निहाल चंद और करौली-धौलपुर में मनोज राजौरिया के टिकट बदला जाने की चर्चाएं हैं।
चूरू से टिकट कटा, कस्वां के ट्वीट से सियासी हलचल
चूरू से वर्तमान सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटकर भाजपा ने पैरा ओलम्पिक विजेता देवेंद्र झांझड़िया को अपना उम्मीदवार बनाया है। सोमवार को कस्वां ने टिकट कटने पर अप्रत्यक्ष नाराजगी एक्स पर पोस्ट डालकर जताई है। पोस्ट में कहा है कि आखिर मेरा गुनाह क्या था, क्या मैं ईमानदार नहीं था, क्या मैं निष्ठावान नहीं था। क्या में दागदार था। क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी। पीएम की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में मैं सबसे आगे था। जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा, सभी निरूत्तर और निशब्द रहे। कोई इसका उत्तर नहीं दे पा रहा। शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं। इससे पूर्व भी उन्होंने टिकट कटने पर एक ट्वीट किया था। हालांकि उसमें उनके बगावती तेवर नहीं दिखे थे। चर्चा है कि कस्वां का टिकट विधानसभा चुनावों में तत्कालीन भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ तारा नगर सीट पर अंदरखाने खिलाफत करना बताया जा रहा है। यहां से राठौड़ चुनाव हार गए थे।
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