बेटियों को कैंसर से बचाने की मुहिम : सर्वाइकल कैंसर के टीकें लगेंगे, दो डोज से मिलेगा सुरक्षा चक्र
9-14 साल की 56 लाख बेटियों को एचपीवी टीके नि:शुल्क लगाए जाएंगे
इससे बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध, वैक्सीनेशन और 21 से 25 की उम्र के बाद नियमित जांच बचाव के तरीके हैं।
जयपुर। प्रदेश की बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए चिकित्सा विभाग जल्द ही प्रदेशभर में निशुल्क एचपीवी यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस वैक्सीन लगाने का काम शुरू करने जा रहा है। इसे टीकाकरण अभियान में शामिल किया जाएगा। राजस्थान में 9 से 14 साल की बच्चियों को यह टीका लगाकर सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ प्रतिरोध क्षमता विकसित की जाएगी। निशुल्क टीकाकरण के माध्यम से इस एज ग्रुप की करीब 56 लाख बेटियों को टीकाकरण का पहले चरण में टारगेट रखा गया है। वर्तमान में एचपीवी वायरस से बचाने के लिए बाजार में कई कंपनियों की एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध है। लेकिन इसकी कीमत करीब 2500 से 3000 हजार रुपए के बीच है। जिसे अब सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण में शामिल कर निशुल्क लगाएगी। एक बच्ची को टीके के दो डोज देकर सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सुरक्षा चक्र दिया जाएगा।
सर्वाइकल कैंसर के बारे में
महिलाओं में गर्भाशय के निचले हिस्से ग्रीवा यानी सर्विक्स में होता है।
90 फीसदी महिलाओं में कैंसर का कारण यौन संपर्क ही होता है। पुरुष इस वायरस के वाहक होते हैं। कमजोर इम्यूनिटी भी एक कारण हो सकता है।
पेप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट से इसका पता लगाया जाता है।
इससे बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध, वैक्सीनेशन और 21 से 25 की उम्र के बाद नियमित जांच बचाव के तरीके हैं।
जल्द पता लगने पर सर्जरी, रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी और लक्षित थैरेपी से इसका इलाज किया जाता है।
बाजार में 3 हजार का आता है एक टीका, प्रदेश में नि:शुल्क लगेंगे
ब्रेस्ट के बाद सर्वाधिक होने वाला कैंसर
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाधिक होने वाला कैंसर सर्वाइकल कैंसर ही है। महिलाओं में करीब 16.5 फीसदी कैंसर यही होता है। देश में करीब 1.25 लाख महिलाएं हर साल इससे ग्रसित होती है। इनमें से करीब 75 हजार की जान चली जाती है।
बच्चियों का ही टीकाकरण क्यों
पुरुष इस वायरस का बड़ा वाहक माना जाता है। ऐसे में शादी से पूर्व इसका टीकाकरण किया जाए तो इसे होने से रोका जा सकता है। प्रदेश में बेटियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल तक होती है। कुछ मामलों में ही इससे कम होती है। ऐसे में 9-14 साल की बच्चियों का टीकाकरण की दो डोज देकर उन्हें शादी या यौन संबंध बनाने की उम्र से पूर्व सुरक्षा चक्र विकसित किया जाएगा। वैक्सीन प्रदेश के सभी अस्पतालों में चिकित्सा विभाग केन्द्रीय आपूर्ति के बाद शुरू कर देगा।
प्रदेश में एचपीवी वैक्सीनेशन जल्द शुरू होने की उम्मीद है। केन्द्र ने टीकाकरण अभियान के तहत इसकी मंजूरी दी है। चिकित्सा विभाग के पास सभी कोल्ड चैन सहित अन्य वैक्सीनेशन की सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध हैं। आपूर्ति होते ही इसकी दो डोज देकर बेटियों को सुरक्षित किया जाएगा।
- डॉ.रघुराज सिंह, स्टेट नोडल अधिकारी
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