14% सांसदों पर हत्या, बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज

इस बार 751 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं

14% सांसदों पर हत्या, बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज

हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। पांच साल से कम सजा वाले मामले 20 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज है।

जयपुर। वैसे तो चार जून को ही पता चलेगा कि हमारी लोकसभा के लिए कौन-कौन सांसद चुना गया है, लेकिन इन भावी सांसदों में 14 फीसदी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या, बलात्कार, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। पांच साल से कम सजा वाले मामले 20 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज है। इन मामलों का खुलासा खुद उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ पत्रों में किया है। इन सभी शपथ पत्रों का विश्लेषण एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) ने किया है। एडीआर ने बुधवार को इसको सार्वजनिक किया है। इसकी रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा की सभी 543 सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव संपूर्ण होंगे। इनमें कुल आठ हजार 360 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें राष्टÑीय दलों के एक हजार 333, राज्य स्तरीय दलों के 532, गैर मान्यता प्राप्त दलों के 2580 प्रत्याशी है। इनके अलावा तीन हजार 915 प्रत्याशी निर्दलीय है। इस बार 751 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं। 

भाजपा के 191 और कांग्रेस के 141 पर गंभीर अपराध के आरोप 
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से एक हजार 191 यानी कि 14 फीसदी प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है। इनमें राष्टÑीय दलों के 295, राज्य स्तरीय दलों के 169, गैर मान्यता प्राप्त दलों के 316 और निर्दलीय 411 प्रत्याशी है। राष्टÑीय पार्टियों के 295, राज्य स्तरीय दलों के 169, गैर मान्यता प्राप्त दलों के 316 और निर्दलीय 411 प्रत्याशी शामिल है। इनमें से 40 प्रत्याशियों पर हत्या, 173 पर हत्या का प्रयास और 197 के खिलाफ महिला अत्याचार के मामले दर्ज हैं। इनमें से 98 उम्मीदवारों पर जांच में दोष साबित हो चुका है। अगर हम दलवार बात करें, तो भाजपा के 440 उम्मीदवारों में से 191, भारतीय राष्टÑीय कांग्रेस के 327 में से 141, बहुजन समाज पार्टी के 487 में से 63 और सीपीआईएक के 52 में से 33 प्रत्याशियों पर गंभीर अपराध के मामलें दर्ज हैं। इनके अलावा 3903 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 550 के खिलाफ गंभीर अपराध के प्रकरण विचाराधीन है। राजस्थान के भी 14 फीसदी प्रत्याशियों पर गंभीर अपराध के मामले दर्ज है।

गंभीर मामलों के मापदंड
गंभीर मामलों की प्रकृति में केवल उन्हीं को शामिल किया गया है, जिनमें पांच साल या उससे अधिक सजा, गैर जमानती अपराध, चुनाव से संबंधित अपराध, रिश्वतखोरी और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने से संबंधित हैं।

 

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