राजस्थान विधानसभा में पेश हुआ कोचिंग सेंटर नियंत्रण विधेयक 2025, विपक्ष ने उठाए सवाल
इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य मानकों का कोई प्रावधान नहीं
हम सिर्फ कोटा के मॉडल की प्रशंसा करते हैं जबकि हकीकत कुछ और है कोटा का कोई मॉडल नहीं है यह थार का मॉडल है।
जयपुर। राज्य में कोचिंग संस्थानों में हो रही आत्महत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक 2025 पेश किया गया। सरकार का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य छात्रों पर बढ़ते दबाव को कम करना और आत्महत्या जैसी घटनाओं पर रोक लगाना है। विधेयक पर चर्चा के दौरान विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि इसमें भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने सवाल उठाया कि छात्रों की संख्या तो तय की गई है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य मानकों का कोई प्रावधान नहीं है। जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी कमेटियों की भूमिका पर भी उन्होंने व्यावहारिक कठिनाइयां बताईं।
कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि बिल में बच्चों की उम्र सीमा का प्रावधान नहीं रखा गया है, जबकि केंद्र की गाइडलाइन में 16 साल से कम आयु के बच्चों को शामिल न करने का निर्देश है। उन्होंने बिल को पुनः जनमत के लिए भेजने की मांग की। कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने कहा कि बिल का मूल उद्देश्य आत्महत्या रोकना होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि कोचिंग में प्रवेश से पहले छात्रों की काउंसलिंग अनिवार्य की जाए ताकि वे दबाव सहने में सक्षम हों। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि आत्महत्या रोकने की बजाय कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बिल से कोई कोचिंग के हालात सुधरने वाले नहीं है ना ही आत्महत्या रख सकेंगे इस बिल को फिर से प्रबल समिति को भेज देना चाहिए।
कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि कोचिंग मुझे पहले हमें पुरानी प्रणाली की ओर जाना होगा क्यों नहीं पुरानी परीक्षा प्रणाली ऐसी तैयार की जाए जिससे कोचिंग की तरफ कोई जाने की नोबत नहीं आए। संवैधानिक संस्थाओं में जिस तरीके से हालात सामने आ रहे हैं क्या आरपीएससी जैसी संस्थाओं में नियुक्ति के आधार होने चाहिए फिर हम पेपर लीक की बात करते हैं। आज हम सभी तरह की जिम्मेदारी ब्यूरोक्रेट्स पर छोड़ देते हैं जब बात आती है तो लोग कहते हैं कि सरकार कौन चला रहा है ब्यूरोक्रेट चला रहे हैं जब ऐसे हालात होंगे तो फिर हमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है। इस बिल में केवल ऑफलाइन कोचिंग के बारे में जिक्र किया गया है जबकि आज और आने वाले भविष्य में शत प्रतिशत ऑनलाइन कोचिंग रहेंगे। हम सिर्फ कोटा के मॉडल की प्रशंसा करते हैं जबकि हकीकत कुछ और है कोटा का कोई मॉडल नहीं है यह थार का मॉडल है।

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