क्रिमिनल बैकग्राउंड जमानत याचिका खारिज करने का नहीं हो सकता आधार 

पेपर लीक प्रकरण में जगदीश विश्नोई को मिली जमानत

क्रिमिनल बैकग्राउंड जमानत याचिका खारिज करने का नहीं हो सकता आधार 

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हालांकि याचिकाकर्ता को कई आपराधिक मामलों में शामिल पाया गया है, लेकिन इस मामले में उसके खिलाफ पर्याप्त सबूतों का अभाव है।

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी आरोपी का क्रिमिनल बैकग्राउंड उसकी जमानत याचिका खारिज करने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता। इसके साथ ही अदालत ने जेईएन भर्ती, 2020 पेपर लीक मामले में आरोपी जगदीश विश्नोई को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश विश्नोई की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हालांकि याचिकाकर्ता को कई आपराधिक मामलों में शामिल पाया गया है, लेकिन इस मामले में उसके खिलाफ पर्याप्त सबूतों का अभाव है। मामले में पेश चार आरोप पत्रों में भी उसका नाम नहीं है। इसके अलावा सह आरोपियों के बयान के अतिरिक्त याचिकाकर्ता से ऐसी कोई सामग्री बरामद नहीं हुई, जिससे साबित हो सके कि वह जेईएन परीक्षा का पेपर लीक करने और उसे वितरित करने में सीधे तौर पर शामिल था। ऐसे में सिर्फ क्रिमिनल बैकग्राउंड जमानत याचिका को खारिज करने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता।

जमानत याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा ने अदालत को बताया कि मामले में साल 2020 में एफआईआर दर्ज हुई थी और उसे 29 फरवरी, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। इन चार सालों में जांच जारी रही और कई लोगों के खिलाफ कुल पांच आरोप पत्र पेश हुए। ये सभी आरोप पत्र उसकी गिरफ्तारी से पूर्व में पेश हुए थे और इनमें जांच लंबित रखने वाले आरोपियों की सूची में भी याचिकाकर्ता का नाम नहीं था। याचिकाकर्ता की भूमिका को लेकर जांच एजेंसी के पास याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है। याचिकाकर्ता और अन्य के खिलाफ पेश आरोप पत्र में दर्जनों गवाह है। इसलिए मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगेगा। इसके अलावा इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता अन्य सह आरोपियों से मिला हुआ है। आरोपी ने परीक्षा से पूर्व पेपर को परीक्षार्थियों तक पहुंचाया। इसके अलावा याचिकाकर्ता का पेपर लीक के मामलों का लंबा इतिहास रहा है। इसलिए उसकी जमानत याचिका को खारिज किया जाए। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। 

Post Comment

Comment List

Latest News

सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए पाईप लाईन से अवैध जल कनेक्शनों का किया जाएगा जल संबंध विच्छेद सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए पाईप लाईन से अवैध जल कनेक्शनों का किया जाएगा जल संबंध विच्छेद
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने आगामी ग्रीष्म ऋतु में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए पाईप लाईन से अवैध...
झुग्गी में आग के शिकार परिवारों को लोगों को दिल्ली सरकार देगी 10-10 लाख रूपए, रेखा गुप्ता मौके पर पहुंचकर लोगों को दी सांत्वना
बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने में जुटा सामाजिक न्याय एवम अधिकारिता विभाग
अपने गांव लौट रहे युवकों की कार पलटने से हुआ हादसा, 4 की मौत, 2 घायल
3 कारोबारी समूहों पर आयकर छापेमारी समाप्त : 11.25 करोड़ की नकदी-ज्वैलरी जब्त, 55 करोड़ के निवेश, करोड़ों के अघोषित लेनदेन का खुलासा
विधानसभा में प्लास्टिक थैलियां के उपयोग पर कार्यवाही को लेकर उठा सवाल, सरकार जन जागरण अभियान के माध्यम से कर रही रोकथाम का प्रयास
राजस्थान पुलिस कर्मियों को नहीं मिलेगा साप्ताहिक अवकाश, जूली ने कहा- पुलिस लगातार काम करती है उनको अवकाश देना जरूरी