बांधों को बजट का इंतजार, सिंचाई नहरों की मरम्मत रुकी
अभी तक बजट जारी नहीं हुआ
अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत के लिए बजट नहीं मिलने से किसानों के लिए समय पर सिंचाई मुश्किल हो रही है। लगभग 90 लाख रुपए की मंजूरी पर ही काम शुरू हो सकेगा। छापरवाड़ा बांध से 52 गांवों की सिंचाई प्रभावित है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में यमुना जल बोर्ड बैठक में राजस्थान की जल परियोजनाओं पर चर्चा होगी।
जयपुर। किसानों के लिए इस बार सिंचाई व्यवस्था समय पर शुरू होना मुश्किल दिख रहा है। अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुई नहरों की मरम्मत के लिए अभी तक बजट जारी नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि लगभग 90 लाख रुपए का बजट जारी होने पर ही मरम्मत कार्य शुरू हो सकेगा। फिलहाल नहरों की स्थिति खराब होने से यदि इन्हीं से पानी छोड़ा गया, तो बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी हो सकती है।
किसान हर साल नवंबर के अंत तक सिंचाई के लिए पानी की मांग करते रहे हैं, लेकिन इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते यह मांग दिसंबर तक पहुंच सकती है। अकेले छापरवाड़ा बांध से 52 गांवों की सिंचाई होती है, जिनकी उम्मीदें नहरों की मरम्मत पर टिकी हैं।
इधर अपर यमुना रिवर बोर्ड की बैठक नोएडा में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में होगी। बैठक में राजस्थान, हरियाणा सहित यमुना जल से जुड़े सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें हथिनी कुंड से हासियावास तक के अलाइंमेंट को अंतिम रूप देने और राजस्थान को ओखला हैड से पानी बढ़ाने की डीपीआर पर चर्चा होगी। राजस्थान से जुड़े अन्य जल परियोजनाओं पर भी विचार किया जाएगा।

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