आरक्षण पर प्रदर्शन मामले की जांच की मॉनिटरिंग करें डीएसपी: हाईकोर्ट
एफआईआर की जांच पर कोर्ट की सख्त निगरानी
राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर में सैनी समाज आरक्षण प्रदर्शन से जुड़ी एफआईआर की जांच की मॉनिटरिंग डीएसपी को सौंपी है। कोर्ट ने निर्देश दिए कि निष्पक्ष जांच कर दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने करीब ढाई साल पहले भरतपुर में सैनी समाज को आरक्षण के मुद्दे पर हो रहे प्रदर्शन को लेकर दर्ज एफआईआर की जांच की मॉनिटरिंग स्थानीय पुलिस उप अधीक्षक को सौंपी है। वहीं अदालत ने जांच अधिकारी को कहा है कि वह प्रकरण की जांच करे और यदि जांच में याचिकाकर्ता दोषी पाए जाए तो उसे नोटिस देकर विधि अनुसार आगे की कार्रवाई करे। जस्टिस अनूप कुमार ने यह आदेश नवल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता वेदप्रकाश सैनी ने अदालत को बताया कि भरतपुर के वैर में 21 अप्रैल, 2023 को सैनी समाज को आरक्षण देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। घटना को लेकर पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें याचिकाकर्ता को भी बतौर आरोपी शामिल कर लिया गया। याचिका में कहा गया कि वह छात्र है और मौके पर मौजूद ही नहीं था। पुलिस ने उसे मामले में गलत तरीके से फंसा दिया है।
याचिकाकर्ता ने इस संबंध में जांच अधिकारी को अभ्यावेदन भी दिया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि घटना को लेकर हुई शिनाख्त परेड से साबित है कि याचिकाकर्ता मौके पर ही मौजूद था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले में जांच अधिकारी को निर्देश देते हुए डीएसपी को प्रकरण की मॉनिटरिंग करने को कहा है।

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