सड़कों के किनारे उड़ती धूल ने बढ़ाया प्रदूषण, 5 शहरों की बनेगी विशेष योजना
धूल का प्रमुख स्रोत बन सकते हैं
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019 में शुरू किए गए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) का उल्लेख किया गया है।
जयपुर। शहरों में सड़कों के किनारे उड़ती धूल प्रदूषण को बढ़ावा दे रही है। इस पर रोक लगाने के लिए विशेष योजना तैयार की जाएगी। योजना के तहत इन शहरों में सड़क के किनारे कंक्रीट की जाएगी, ताकि हल्की हवा के कारण धूल के गुब्बार नहीं उड़ सके। स्वायत्त शासन विभाग ने धूल नियंत्रण के प्रयासों को और मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। यह निर्देश शहरी विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा गया है, जिसमें शहरों में सड़क की पूरी चौड़ाई में पक्कीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जिससे सड़क की किनारों पर असमान या कच्चे हिस्से न बचे, जो धूल का प्रमुख स्रोत बन सकते हैं।
इस संदर्भ में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019 में शुरू किए गए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) का उल्लेख किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के पांच प्रमुख शहरों (जयपुर, जोधपुर, कोटा, अलवर, उदयपुर) में वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य पीएम 10 कणों के स्तर में 40% की कमी करना है, जिससे राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को प्राप्त किया जा सके।
नए आदेश के तहत सभी संबंधित एजेंसियों और नगर निगमों को निर्देशित किया गया है कि वे शहरी विकास एवं आवास विभाग के तहत आने वाली सभी सड़कों के किनारे-किनारे पक्कीकरण सुनिश्चित करें, ताकि धूल की पुनःस्थापना को कम किया जा सके। यह आदेश विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए है जहां सड़क की अपर्याप्त या अधूरी पक्कीकरण से धूल का पुनःउत्थान हो रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह कदम शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है, जिससे राज्य के लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सकेगा।
Comment List