वित्तीय स्वीकृति व निर्माण कार्यों में पारदर्शिता को लेकर वित्त विभाग का बड़ा फैसला
माप पुस्तिका को अब IFMS 3.0 से जोड़ दिया गया
वित्त विभाग ने निर्माण कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू की है
जयपुर। वित्त विभाग ने निर्माण कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू की है। इस निर्णय के तहत अब विभिन्न निर्माण कार्यों, विशेषकर 'वृहद निर्माण कार्यों' में प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के लिए एकीकृत प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
आदेश के अनुसार प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के बिना कोई भी निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किया जाएगा। IFMS पोर्टल पर स्वीकृति के लिए एक ही आईडी जारी की जाएगी, जिससे अनुमोदन प्रक्रिया सरल और तकनीकी रूप से ट्रैक की जा सके। स्वीकृति मिलने के बाद ही कार्य का बिऑक्यु तैयार होगा और इसकी ऑनलाइन एंट्री IFMS पर की जाएगी। निर्माण एजेंसी को कार्य प्रारंभ करने से पहले सभी स्तर की मंजूरी प्राप्त करनी होगी।
विभागीय एसओपी के तहत अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।वृहद निर्माण कार्यों में वित्त विभाग से विशिष्ट सहमति लेना आवश्यक किया गया है। माप पुस्तिका को अब IFMS 3.0 से जोड़ दिया गया है, जिससे एस्ट्रा आइटम की अनुमति पारदर्शिता से दी जा सके। यह नई व्यवस्था निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं को रोकने, समयबद्ध कार्यान्वयन और बजट के प्रभावी उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का उद्देश्य प्रत्येक परियोजना की निगरानी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना है, ताकि योजनाओं की प्रगति का ट्रैक रखा जा सके और जवाबदेही तय की जा सके।

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