पहली बार 1931 में जाति जनगणना : जाट सबसे अधिक, फिर ब्राह्मण, जाटव, भील और राजपूत

अलवर रियासत में कोली जाति का था बोलबाला

पहली बार 1931 में जाति जनगणना : जाट सबसे अधिक, फिर ब्राह्मण, जाटव, भील और राजपूत

इस जाति को अलवर रियासत में तो उच्च और प्रभावशाली जाति माना गया, लेकिन मेवाड़ और अन्य इलाकों में इस जाति को दलित के रूप में दर्ज किया गया। 

जयपुर। पहली जनगणना में राजपूताना की जनसंख्या एक करोड़ 17 लाख 86 हजार चार थी। पहली जनगणना 94 साल पहले यानी 1931 में अंग्रेजों ने कराई थी। उस समय राजपूताना में अलग-अलग रियासतें थी, जिनका आजादी के बाद अलग-अलग चरणों में विलय हुआ। उन्हें ही मिलाकर राजस्थान बना। वैसे तो पहली जनगणना के अधिकृत आंकड़े नहीं हैं, लेकिन सांख्यिकी विभाग में इसका उल्लेख है, जो शोधकर्ताओं ने काम में लिए हैं। 

उस समय राजपूताना में पांच बड़ी जातियां राजपूत, भील, मीणा, जाट और गुर्जर थीं। लेकिन उस समय जनगणना में जब अधीक्षक से उसके इलाकों की दलित जातियों की सूची मांगी गई, तो कोली जाति के बारे में एक रोचक जानकारी मिली। इस जाति को अलवर रियासत में तो उच्च और प्रभावशाली जाति माना गया, लेकिन मेवाड़ और अन्य इलाकों में इस जाति को दलित के रूप में दर्ज किया गया। 


नौ जातियों की संख्या तीन लाख से ज्यादा
पहली जनगणना के समय राजपूताना में नौ ऐसी जातियां थीं, जिनकी जनसंख्या तीन लाख से ज्यादा थी। इन जातियों में जाट, ब्राह्मण, जाटव, भील, राजपूत, मीणा, गुर्जर, माली और कुम्हार शामिल थीं। एक लाख से तीन लाख की जनसंख्या वाली जातियों की संख्या 13 थी। इसी प्रकार 50 हजार से एक लाख तक की जनसंख्या वाली जातियों की संख्या 20 थी। उस समय सभी छोटी-बड़ी जातियों की कुल संख्या 393 थी। पहली जनगणना से पहले जयपुर रियासत के अंतिम शासक महाराजा मानसिंह ने जयपुर राज्य के अधिकार अंग्रेजों को सौंप दिए थे। अंग्रेजों ने ही जयपुर राज्य की जनगणना कराई थी।

ये थीं राजपूताना की रियासतें
पहली जनगणना की रिपोर्ट इतिहासकार बी.एल. कौल ने अपनी पुस्तक सेंसस आॅफ इंडिया-1931: राजपूताना एजेंसी-रिपोर्ट एंड टेबल्स में प्रकाशित की थी। उसके अनुसार उस समय राजपूताना में 21 रियासतें थी। उनके नाम अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, करौली, किशनगढ़, कोटा, कुशलगढ़, लावा, मारवाड़, मेवाड़, प्रतापगढ़, शाहपुरा, सिरोही-आबू और टोंक थे।

Read More Weather Update : उत्तरी हवाओं का असर हुआ कमज़ोर, प्रदेश में सर्दी कम

इन जातियों की संख्या तीन लाख से ज्यादा
उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार 1931 में हुई जनगणना के अनुसार राजपूताना में जाट जाति की जनसंख्या 10 लाख 42 हजार 153, ब्राह्मणों की आठ लाख 54 हजार 634, जाटवों की सात लाख 67 हजार 203, भीलों की छह लाख 55 हजार 647, राजपूतों की पांच लाख 33 हजार 830, मीणा जाति की छह लाख सात हजार 869, गुर्जरों की पांच लाख 26 हजार 791, मालियों की तीन लाख 69 हजार 171 और कुम्हारों की तीन लाख 57 हजार 751 थी।  इनके अलावा बलाई दो लाख 18 हजार 927, शेख दो लाख 10 हजार 499, खाती दो लाख नौ हजार 937, ओसवाल एक लाख 97 हजार 460, अग्रवाल एक लाख 83 हजार 754, अहीर एक लाख 82 हजार 165, दरोगा एक लाख 77 हजार 104, मेव एक लाख 67 हजार 530, नाई एक लाख 66 हजार 90, भांभी एक लाख 62 हजार 865, रेबारी एक लाख 53 हजार 820, रैगर एक लाख 30 हजार 104 और पठान एक लाख 19 हजार 803 थे।  

Read More नवीन आयुर्वेद चिकित्सालय निर्माण की 32 करोड़ की योजना फाइलों में उलझी

Post Comment

Comment List

Latest News

एसआईआर को लेकर अखिलेश ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, बोलें-चुनावी गणित होगा प्रभावित एसआईआर को लेकर अखिलेश ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, बोलें-चुनावी गणित होगा प्रभावित
यूपी में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने...
मेले में दिखा कला, संस्कृति और सामुदायिक उत्सव का संगम, ग्रेट हार्ट आश्रम से आए 150 बच्चों ने आयोजन में लिया भाग
रघु सिन्हा आईटीएफ मास्टर्स टेनिस प्रतियोगिता सम्पन्न, रियाज और विभा ने जीते तिहरे खिताब
दिल्ली-NCR में 40 उड़ानें रद्द, 4 डायवर्ट, AQI 466 तक पहुंचा
उर्स की तैयारियां तेज : जगमगाया दरगाह परिसर पुनर्निमित सबीली गेट से आवाजाही शुरू, उर्स का झंडा 17 को चढ़ेगा
जानें राज काज में क्या है खास 
आखिर क्यों अजित पवार ने फिर बनाई आरएसएस से दूरी? सामने आई चौकाने वाली वजह