पूर्ण चन्द्रग्रहण आज, सूतककाल दोपहर 12.57 से, ग्रहणकाल में आराध्य देव की साधना फलदायी
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में चंद्रमा-राहू, सप्तम भाव में सूर्य-केतु-बुध
पूर्णिमा की रात अर्थात रविवार की रात पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होगा, ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
जयपुर। पूर्णिमा की रात अर्थात रविवार की रात पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होगा, ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा। वर्ष 2025 में भारत में दिखाई देने वाला एक मात्र ग्रहण है। इसके बाद 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण होगा, जो कि भारत में नहीं दिखेगा। मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के सूतक के समय में पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मंदिर बंद रहते हैं, ग्रहण खत्म होने के बाद सूतक खत्म होता है। मंदिरों का शुद्धिकरण होता है और फि र पूजा-पाठ आदि धर्म-कर्म किए जाते हैं।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में चंद्रमा-राहू, सप्तम भाव में सूर्य-केतु-बुध
ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12.57 बजे से शुरू होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा। यह ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, एशिया, हिंद महासागर, यूरोप, पूर्वी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। रूस और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में चन्द्रास्त के समय उपच्छाया का प्रारम्भ दिखाई देगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसमें चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे। इस संयोजन का कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है। इन जातकों को सावधानी बरतने का आवश्यकता रहेगी।

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