50% टैरिफ से राजस्थान के जैम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट पर संकट के बादल : जीजेईपीसी ने यूएस टैरिफ के प्रभाव पर सरकार से राहत की मांग की
देशभर से सालाना 83,165 करोड़ से अधिक का निर्यात होता है
भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग की घरेलू मांग मजबूत है। आईआईजेएस प्रीमियर 2025 से 70,000 करोड़ से एक लाख करोड़ के व्यापार की संभावनाएं जताई गईं।
जयपुर। जैम एंड ज्वैलरी का पिंकसिटी से सालाना करीब 17,500 करोड़ का एक्सपोर्ट होता है, जिसमें अमेरिका को 6 से 7 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट शामिल है। पहले 25% और फिर 50% की घोषणा से एक्सपोर्ट कारोबारियों की नींद उड़ गई है। लाखों कारीगरों के रोजगार पर संकट के बादल मंडरा रहे है।
जयपुर से करीब 600 करोड़ का एक्सपोर्ट
ज्वैलर्स एसोसिएशन जयपुर के पूर्व अध्यक्ष संजय काला ने बताया कि हर महीने करीब 600 करोड़ की जैम एंड ज्वैलरी जयपुर से एक्सपोर्ट की जाती है। जिसमें मात्र से छह से दस फीसदी का बिजनेस मार्जिन होता है। ऐसी स्थिति में बेरोजगारी बढ़ेगी।
ट्रम्प का फैसला चिंताजनक
जीजेईपीसी के अध्यक्ष किरीट भंसाली के अनुसार, अमेरिका द्वारा सभी भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा अत्यंत चिंताजनक है। अमेरिका भारत के रत्न और आभूषणों का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जहां सालाना 83,165 करोड़ से अधिक का निर्यात होता है। यह इस उद्योग के कुल वैश्विक व्यापार का लगभग 30% है। इस नए टैरिफ से भारत के उत्पाद अमेरिकी बाजार में कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।
ये नए देश फायदे में रहेंगे
वहीं तुर्की, वियतनाम और थाईलैंड जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को क्रमश: 15%, 20% और 19% जैसे कम टैरिफ का लाभ मिलता है।
अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव
निर्यात में कमी: भारत का आधे से अधिक कट और पॉलिश डायमंड का निर्यात अमेरिका जाता है। टैरिफ वृद्धि से पूरी इंडस्ट्री ठप होने की कगार पर आ सकती है।
आजीविका पर खतरा: स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) से होने वाले 85% निर्यात का गंतव्य अमेरिका है, जो लगभग 50,000 लोगों को रोजगार देता है।
उद्योग पर दबाव: टैरिफ छोटे कारीगरों से लेकर बड़े निर्माताओं तक मूल्य श्रृंखला पर भारी दबाव डालेगा।
सरकार से मांगें
टारगेटेड ड्यूटी ड्रॉबैक योजना
वित्तीय सहायता की मांग
कार्यशील पूंजी और ऋण पर राहत
सेज इकाइयों को घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति दी जाए।
ऋणदाता संस्थानों को ब्याज भुगतान स्थगित करने की अनुमति दी जाए।
प्री.शिपमेंट ऋण अवधि का विस्तार हो
ब्याज समानिकरण योजना
विशेष राहत पैकेज
घरेलू बाजार मजबूत
भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग की घरेलू मांग मजबूत है। आईआईजेएस प्रीमियर 2025 से 70,000 करोड़ से एक लाख करोड़ के व्यापार की संभावनाएं जताई गईं। वर्तमान में भारतीय घरेलू बाजार 7,06,903 करोड़ का है और अगले दो वषोंर् में इसके 10,88,885 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

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