प्रदेश में फिर शुरू हुआ भारी बारिश का दौर : कई इलाकों में बाढ़ के हालात, अलर्ट जारी
मानसून की ट्रफ लाइन अब उत्तर से अपनी सामान्य स्थिति पर लौट आई
यह वर्तमान में बीकानेर और कोटा से होकर गुजर रही है। इन मौसमी गतिविधियों के कारण प्रदेश में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की गई है।
जयपुर। मध्य प्रदेश व आसपास के पूर्वी राज के ऊपर आज कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से पिछले 24 घंटो में दक्षिण-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी, अत्यंत भारी बारिश दर्ज हुई है। सर्वाधिक बारिश रामगंज मंडी, कोटा में 242 एम यानी करीब 10 इंच बारिश हुई है। भीलवाड़ा, कोटा, चित्तौड़गढ़ सहित कई जिलों में भारी बारिश से पानी भर गया है। भीलवाड़ा के बिजौलिया इलाके में सड़कें नदियां बन गई हैं। बाढ़ के हालात हो गए हैं। नाव चल रही है। एरू नदी (भीलवाड़ा) के पुल पर 5 फीट तक पानी बह रहा है। उधर, प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए 11 जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।
इनमें झालावाड़, कोटा, चित्तौड़गढ़, टोंक, भीलवाड़ा, बारां, डूंगरपुर, धौलपुर, सलूम्बर, बांसवाड़ा, अजमेर शामिल हैं। आज बारिश का 4 जिलों में रेड, 10 जिलों में ऑरेंज और 17 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को कोटा बैराज के 12 गेट खोलकर 2 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे नयापुरा क्षेत्र की निचली बस्तियों में स्थिति गंभीर हो गई है। ब्रजराज कॉलोनी और हरिजन बस्ती में चंबल का पानी घरों तक पहुंच गया है। टोंक जिले के हिसामपुर (नासिरदा) में कई कॉलोनियां टापू बन गई हैं। घरों में पानी घुस गया है। चित्तौड़गढ़ के राणा प्रताप सागर बांध के 6 गेट रविवार की देर रात ढाई बजे खोलने पड़े। इससे पहले अलर्ट करने के लिए सायरन बजाया गया था।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन अब उत्तर से अपनी सामान्य स्थिति पर लौट आई है।
यह वर्तमान में बीकानेर और कोटा से होकर गुजर रही है। इन मौसमी गतिविधियों के कारण प्रदेश में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की गई है। सिस्टम का प्रभाव आगे भी जारी रहेगा। 29, 30 जुलाई को भी प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की आशंका है। राज्य में भारी बारिश की गतिविधियों में 2 अगस्त से कमी दर्ज होने तथा कुछ भागों में हल्की मध्यम बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।

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