Coaching Hub को शुरू करने के लिए आवासन मंडल ने अब सरकार के पाले में डाली गेंद
नियमों के विपरीत संचालित कोचिंग सेंटरों पर सख्त कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा पत्र
छात्र-छात्राओं को एक ही स्थान पर शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही करीब 70 हजार विद्यार्थियों को एक ही स्थान पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए कोचिंग सेंटर का निर्माण किया गया है।
जयपुर। देश की राजधानी नई दिल्ली में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से हुई तीन विद्यार्थियों की मौत के बाद प्रदेश की राजधानी जयपुर में भी हड़कंप मच गया। शहर के विभिन्न इलाकों में संचालित कोेचिंग सेंटरों की जांच शुरू गई है, जिससे यहां किसी भी कोचिंग सेंटरों में ऐसा कोई हादसा नहीं हो। अब कोचिंग हब में कोचिंग सेंटर को लाने के लिए राजस्थान आवासन मंडल प्रशासन ने नियमों के विपरीत संचालित होने वाले कोचिंग सेंटर पर सख्त कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा है। अब मंडल प्रशासन ने कोचिंग हब को संचालित करने के लिए गेंद एक बार फिर से सरकार के पाले में डाल दी है।
प्रदेश का पहला कोचिंग हब
राजस्थान आवासन मंडल ने प्रताप नगर की आवासीय योजना में करीब 65 हजार वर्गमीटर भूमि पर सभी सुविधाओं से युक्त कोचिंग हब का निर्माण कर दिया, लेकिन शहर में नियमों को ताक में रखकर संचालित होने वाले कोचिंग सेंटर में पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में भी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई और कोचिंग सेंटर संचालकों ने कोचिंग हब से दूरी बना ली। मंडल की ओर से करीब 475 करोड़ की लागत से बनाए इस हब में चार साल बाद भी चार ही कोेचिंग सेंटर पहुंच सके हैं।
गोपालपुरा पर संचालित 274 कोचिंग सेंटरों को थमाए थे नोटिस
करीब एक साल पूर्व गुजरात के सूरत स्थित कोचिंग सेंटर में हुई आगजनी की घटना के बाद राजधानी जयपुर के कोचिंग सेंटरों का भी सर्वे करवाया था। इसमें आवासीय क्षेत्रों में नियमों के विपरीत संचालित कोचिंग सेंटरों का नगर निगम जयपुर ग्रेटर ने सर्वे कराया और मानसरोवर जोन ने करीब 274 कोचिंग सेंटर को नोटिस भी थमाए थे।
पांच ब्लॉकों में 224 सेंटर
कोचिंग हब को आवासन मंडल ने दो चरणों में तैयार किया है। इसमें पहले चरण में 140 कोचिंग सेंटरों के लिए तीन पांच ब्लॉक गत कांग्रेस सरकार में ही पूरे कर दिए थे और शेष तीन ब्लॉकों का काम अंतिम चरण में है। वहीं दूसरे चरण में 84 कोचिंग सेंटर का काम लगभग पूरा हो चुका है। कोचिंग हब में पर्याप्त सुविधाओं के होने के बाद भी कोचिंग संचालकों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। गौरतलब है कि पिछले माह कोचिंग हब को डिस्पोजल करने के लिए मंडल अध्यक्ष टी. रविकांत ने भी दौरा किया था और अधिकारियों को इसके निस्तारण की कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए थे। इसके बाद मंडल प्रशासन ने कोचिंग सेंटर संचालकों के साथ एक-एक सेमिनार रखी गई है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।
यह भी है सुविधाएं
छात्र-छात्राओं को एक ही स्थान पर शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही करीब 70 हजार विद्यार्थियों को एक ही स्थान पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए कोचिंग सेंटर का निर्माण किया गया है। इसके अलावा यहां सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कोचिंग हब परिसर में वॉकिंग ट्रेक, साइक्लिंग ट्रेक, ओपन एयर जिम, इंडोर जिम, हैल्थ चैकअप सेंटर, बॉस्केटबॉल कोर्ट, टेनिस कोर्ट, योगा सेंटर के साथ मेडिटेशन सेंटर भी बनाए गए हैं। सैंट्रल लाइब्रेरी एवं 1200 की क्षमता का आॅडिटोरियम भी बनाया गया है। चार कैफेटेरिया, एक फूड कोर्ट एवं सुरक्षा के लिए परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है।
शहर में अवैध रूप से संचालित होने वाले कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। सरकार की कार्रवाई के बाद कोचिंग सेंटर संचालकों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं कोचिंग हब में मिल सकेंगी।
-प्रतीक श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, राजस्थान आवासन मंडल

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