कोरोना का वार, हम कितने तैयार : जांच-इलाज का सुरक्षा चक्र मौजूद, लहर आई तो एक्टिव करने भर की जरूरत

प्रदेश के अस्पतालों में मॉक ड्रिल पहले से ही शुरू हुई

कोरोना का वार, हम कितने तैयार : जांच-इलाज का सुरक्षा चक्र मौजूद, लहर आई तो एक्टिव करने भर की जरूरत

कोविड ने 2 मार्च 2020 को प्रदेश में एंट्री की थी।

जयपुर। कोविड ने 2 मार्च 2020 को प्रदेश में एंट्री की थी। 2022 तक कोरोना की तीन लहरें आईं थीं। इस दौरान जांच, इलाज का पूरा सिस्टम चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयार किया था। जिसमें ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए अस्पतालों में प्लांट्स, जांच के लिए आरटीपीसीआर जांचें, ऑक्सीजन कंसन्टेटर्स, डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, दवाइयों की आपूर्ति शामिल थीं। प्राइवेट अस्पताल भी इसी अनुरूप तैयार हो चुके थे। बीते तीन साल में कोविड से राहत थी। साफ है कि प्रदेश के पास जांच, इलाज का पूरा सिस्टम मौजूद है। केवल लहर की आहट होने पर चिकित्सा व्यवस्थाओं को फिर से एक्टिव करने की जरुरत है। बीते करीब पन्द्रह दिनों से कोविड के वैरिएंट फिर से पैर पसारने लगे हैं। संक्रमण से इस अवधि में मरीज कम ही आए हैं, लेकिन इनकी संख्या अन्य राज्यों में संक्रमण को देखते हुए बढ़ने की आशंका है। ऐसे में विभाग ने अलर्ट होकर तैयारियां शुरू कर दी है। अभी तक की कोविड स्थिति देखें तो प्रदेश में करीब 150 नए मरीज आ चुके हैं। जयपुर में एक मौत भी हो चुकी है। 

अभी ये तैयारियां शुरू हुई :

  • सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर जांच और इलाज की व्यवस्थाओं को परखा जा रहा है। 
  •     प्रदेश में 1 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन के 530 प्लांट्स अस्पतालों में लगे हैं। इनके लीकेज, सप्लाई शुद्धता, प्रेशर, उत्पादन क्षमता, मेंटेनेंस इत्यादि का काम चल रहा है। 
  •     कोविड की बीती लहरों के दौरान 40 हजार ऑक्सीजन उत्पादन की छोटी मशीनें यानी ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर मौजूद हैं। इन्हें चैक किया जा रहा है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनको एक्टिव मोड पर लाया जा सके।  
  •    कोविड का इलाज सामान्य दवाओं एजिथ्रोमायसिन एंटीबॉयोटिक्स, मान्टेक एलसी, पैरासिटामोल, सिट्रीजिन, जिंक और विटामिन सी, खून पतला करने वाली दवाओं से होता है। इनकी आपूर्ति पहले से है, जरूरत पर और बढ़ा दी जाएगी। 

लहर की आहट हुई तो इस प्लान पर तुरंत काम होगा :

  •     जांच के लिए आरटीपीसीआर की 60 सरकारी अस्पतालों में मशीनें हैं। प्राइवेट में अलग से है। सरकारी की कुल क्षमता 65 हजार जांच रोजाना की है। सभी मशीनें एक्टिव मोड में स्टॉफ लगाकर शुरू कर दी जाएगी।  
  •     डेडिकेटेड अस्पताल बनाए जाएंगे। 2020-2022 तक प्रदेश में 80 डेडिकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर, 60 कोविड हॉस्पिटल बनाए गए थे। इन्हें फिर से शुरू कर दिया जाएगा। 
  •     पूर्व में कोविड इलाज में लगे डॉक्टर और अन्य स्टॉफ की सूची मौजूद है। इन्हें तुरंत यहां लगा दिया जाएगा। 
  •     1.14 लाख क्वारेनटाइन बैड्स और सेंटर व 42,812 आईसोलेशन बैड्स फिर एक्टिव कर देंगे। 
  •     225 प्राइवेट अस्पतालों को कोविड इलाज का पुराना अनुभव है। इनकी सूची मौजूद है। जरूरत पर फिर शुरू हो जाएंगे। 

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