ऑपरेशन लाडली : नाबालिग की शादी हुई तो पंडित, टेंट वाले, बैण्ड, घोड़े वाले और हलवाई के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
बाल विवाह की रोकथाम के लिए पुलिस चलाएगी पांच दिवसीय विशेष अभियान
प्रदेश में आने वाले सावों पर यदि किसी नाबालिग बच्ची की शादी हुई तो इसके लिए पंडित, टेंट वाले, बैण्ड, घोड़े वाले और हलवाई को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
जयपुर। प्रदेश में आने वाले सावों पर यदि किसी नाबालिग बच्ची की शादी हुई तो इसके लिए पंडित, टेंट वाले, बैण्ड, घोड़े वाले और हलवाई को भी जिम्मेदार माना जाएगा। यदि इन्होंने बाल विवाह नाबालिग की शादी की सूचना नहीं दी तो इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। बाल विवाह की सूचना देने वाले को प्रोत्साहन के साथ मजबूत सुरक्षा तंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। राजस्थान पुलिस प्रदेश में बाल विवाह की रोकथाम के लिए एक विशेष अभियान ऑपरेशन लाडली चलाने जा रही है। अभियान का उद्देश्य बाल विवाह को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और कानूनी कार्रवाई करना है। यह अभियान 26 अप्रैल से शुरू होगा और 5 दिनों तक चलेगा। डीजी सिविल राइट्स एवं एएचटीयू मालिनी अग्रवाल ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अनुसार बाल विवाह एक अपराध है, इस कुप्रथा का आयोजन विशेष कर अक्षय तृतीया (आखातीज) व पीपल पूर्णिमा जैसे पर्वों के साथ-साथ अन्य सावों पर भी विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है।
अभियान का उद्देश्य और अवधि :
इसी वजह से बाल विवाह की रोकथाम के लिए निरंतर निगरानी रखने एवं बाल विवाह नहीं होने की सुनिश्चितता की जानी अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से इस कुप्रथा की रोकथाम के लिए राजस्थान पुलिस 26 से 30 अप्रैल 2025 तक पांच दिवसीय विशेष अभियान ऑपरेशन लाडली चलाने जा रही है। जिसमें जागरूकता के साथ-साथ अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अभियान के दौरान क्या होगा :
इसके लिए रेंज व जिला स्तर पर कार्यरत विभिन्न महिला संगठनों सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की सहायता लेकर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला, खंड, स्कूल, ग्राम स्तरीय एवं सेवा प्रदाताओं की कार्यशाला का आयोजन कर प्रतिभागियों को अभियान के प्रति संवेदनशील बना 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालकों को बाल विवाह कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा।
जागरूकता अभियान :
राजस्थान पुलिस दुकानों, प्रमुख स्थानों पर दीवार लेखन, जागरूकता रैली, शासकीय एवं धार्मिक कार्यक्रमों में बाल विवाह नहीं करने की शपथ, डॉक्यूमेंट्री, नुक्कड़ नाटक, होर्डिंग एवं समाचार पत्रों में विज्ञापन के द्वारा भी प्रचार प्रसार करेगी।

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