इंटरनेशनल लेपर्ड डे आज : नाहरगढ़ अभयारण्य में भी 21 लेपर्ड्स का मूवमेंट दर्ज
झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व क्षेत्र में लेपर्ड की संख्या पहुंची 43
झालाना लेपर्ड रिजर्व के इंटरप्रिटेशन सेंटर में भी कई लेपर्ड्स के नाम सहित फोटोज लगाए गए हैं।
जयपुर। पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत में लेपर्ड की स्थिति 2022 पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में भी इनकी संख्या में वृद्धि दर्ज की गई। प्रदेश में साल 2018 में इनकी संख्या 400 से अधिक थी। जो साल 2022 में बढ़कर सात सौ से अधिक हो गई। इसके अतिरिक्त जयपुर के झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में भी इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों जगहों को मिलाकर लेपर्ड्स की संख्या 43 बताई जा रही है। झालाना लेपर्ड रिजर्व के इंटरप्रिटेशन सेंटर में भी कई लेपर्ड्स के नाम सहित फोटोज लगाए गए हैं। इन्हें ये नाम वन्यजीव प्रेमियों ने दिए हैं। इसके अतिरिक्त पिछले साल हुई वन्यजीव गणना के अनुसार नाहरगढ़ अभयारण्य में करीब 21 लेपर्ड्स का मूवमेंट दर्ज किया गया है।
यहां भी मिला शावकों को नया जीवन
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के रेस्क्यू सेंटर स्थित नियो निटेल केयर यूनिट में भी सरिस्का सहित अन्य जिलों से लाए लेपर्ड शावकों को नया जीवन मिला है। यहां करीब 20 दिन के लेपर्ड शावक को यहां लाया गया था। जो अब पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहां इसे कृष्णा नाम दिया गया है। बायोलॉजिकल पार्क के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ.अरविंद माथुर ने बताया कि यहां कई लेपर्ड शावकों को रेस्क्यू कर लाया गया, जो वन क्षेत्रों में अपनी मां से बिछड़ गए थे। यहां नियो निटेल केयर में इनका पालन-पोषण किया गया। डॉ.माथुर ने बताया कि लेपर्ड शाही (शर्मिला स्वाभाव) नेचर का वन्यजीव है। वन क्षेत्रों में रह रहे लेपर्ड कई बार रास्ता भटककर आबादी क्षेत्रों की ओर आ जाते हैं, ऐसे में लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। इन्हें अगर डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा तो ये स्वत: ही वन क्षेत्र में पुन: चले जाएंगे। प्रदेश के करीब 14 जिलों से 75 लेपर्ड्स के रेस्क्यू के मामले में माथुर का नाम लिम्का और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो चुका है।
झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व को मिलाकर यहां 43 लेपर्ड्स की मूवमेंट है। इंटरप्रिटेशन में भी पर्यटकों को फोटोज के जरिए जानकारी मिलती है।
-जितेन्द्र सिंह शेखावत, रेंजर
नाहरगढ़ अभयारण्य में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों का मूवमेंट है। यहां लेपर्ड्स की संख्या करीब 21 है।
-रघुवेन्द्र सिंह राठौड़, रेंजर
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