एकल पट्टा प्रकरण: शांति धारीवाल और अन्य की भूमिका को लेकर अग्रिम जांच के आदेश
अदालत ने मामले में धारीवाल सहित अन्य के खिलाफ प्रसंज्ञान लेने के बिन्दु पर फैसला सुरक्षित भी रखा है।
एकल पट्टा जारी करने से जुड़े मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व उप सचिव एनएल मीणा के पक्ष में 12 जून 2019 को पेश क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
जयपुर। एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-4 ने गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को वर्ष 2011 में एकल पट्टा जारी करने से जुड़े मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व उप सचिव एनएल मीणा के पक्ष में 12 जून 2019 को पेश क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। वहीं अदालत ने मामले में तत्कालीन जेडीसी ललित के पंवार और अतिरिक्त आयुक्त वीएम कपूर को लेकर गत 7 जुलाई 2021 को पेश एफआर को भी निरस्त कर दिया है। अदालत ने एसीबी के डीजी को कहा है कि वह मामले में कोर्ट की ओर से सुझाए बिन्दुओं पर एसपी से उच्च स्तर के अधिकारी से तीन माह में जांच पूरी कराए। वहीं अदालत ने मामले की जांच में शामिल अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी कहा है। अदालत ने यह आदेश परिवादी रामशरण सिंह की प्रोटेस्ट पिटीशन पर दिए।
अदालत ने मामले में धारीवाल सहित अन्य के खिलाफ प्रसंज्ञान लेने के बिन्दु पर फैसला सुरक्षित भी रखा है। दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने परिवादी की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए एसीबी कोर्ट को कहा था कि वह परिवादी की प्रोटेस्ट पिटीशन पर जल्द से जल्द दस दिन में फैसला करे। प्रोटेस्ट पिटीशन में अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने बताया कि पूरा मामला तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशन में हुआ था। मामले में धारीवाल व यूडीएच के तत्कालीन उप सचिव एनएल मीणा सहित ललित के पंवार व वीएम कपूर भी आरोपी हैं। इन्होंने अपने पदों का दुरुपयोग कर अपने पक्ष में क्लोजर रिपोर्ट पेश करवाई। कोर्ट पुलिस की रिपोर्ट मानने के लिए बाध्य नहीं है। ऐसे में क्लोजर रिपोर्ट रद्द कर चारों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया जाए।

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